शादी किसी भी लड़की के लिए एक यादगार समय होता हैं जिसमें सबसे मुश्किल वक़्त आता हैं विदाई का जब वह अपने घर से विदा हो रही होती हैं तो सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो जाता हैं। विदाई के समय सभी की आंखों में आंसू होते हैं। ये आंसू अपनेआप ही आंखों में आ जाते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां विदाई के दौरान दुल्हन की पिटाई की जाती हैं और अगर उसके आंसू नहीं आते हैं तो मजाक भी उड़ाया जाता हैं। दुल्हन को रोना नहीं आता तो उन्हें पीटकर जबरदस्ती रुलाया जाता है। इस परंपरा के पीछे काफी दिलचस्प वजह है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
हम बात कर रहे हैं चीन के दक्षिण पश्चिमी प्रांत सिचुआन में रहने वाली तूजिया जनजाति के लोगों की। ये जनजाती यहां हजारों साल से बसे हुए हैं। इनके यहा शादी में दुल्हन का रोना बेहद जरूरी माना जाता है। ये परंपरा काफी समय से चलती आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, शादी के दौरान दुल्हन के रोने की परंपरा 17वीं शताब्दी में अपनी चरम सीमा पर थी। कहा जाता हैं कि 475 बीसी से 221 बीसी के बीच इस परंपरा की शुरुआत हुई थी। दरअसल, उस समय जाओ स्टेट की राजकुमारी की शादी यैन राज्य में हुई थी। शादी के बाद जब राजकुमारी की विदाई हो रही थी तो उनकी मां फूटफूटकर रोई थीं और बेटी को जल्दी घर आने के लिए कहा था। इसी घटना के बाद से यहां ये परंपरा शुरू हो गई।अब ऐसे में सवाल ये है कि आखिर इसमें दुल्हन का रोना क्यों जरूरी है? दरअसल, जब दुल्हन विदाई के दौरान नहीं रोती है, उसे ये जनजाति बुरी पीढ़ी मान लेते हैं और गांव भर में उस परिवार का लोग मजाक उड़ाते है। यही कारण है कि समाज में मजाक का पात्र बनने से बचने के लिए लोग विदाई के दौरान दुल्हन को रुलाते हैं।