भारतीय इतिहास में कई ऐसे शख्स हुए हैं जिनकी प्रसिद्धि सदियों तक गिनी जानी हैं। ऐसे ही एक महान व्यक्ति थे 'कौटिल्य' जो अपनी बुद्धि और चातुर्यता के लिए जाने जाते थे। कौटिल्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे जिन्होनें 'अर्थशास्त्र' ग्रन्थ की भी रचना की थी। चाणक्य की मृत्य को लेकर आज भी रहस्य बना हुआ हैं कि आखिर उनकी मौत की वजह क्या थी।
वैसे तो का चाणक्य का नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान और उनकी मृत्यु चारों ही विवाद के विषय रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा विवाद उनकी मृत्यु को लेकर है। उनकी मृत्यु के संदर्भ में कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन कौन सी कहानी सच है, यह कोई नहीं जानता। पहली कहानी ये है कि एक दिन चाणक्य अपने रथ पर सवार होकर मगध से दूर किसी जंगल में चले गए और उसके बाद वो कभी लौटे ही नहीं।चाणक्य की मृत्यु के संबंध एक कहानी जो सबसे ज्यादा प्रचलित है, वो ये है कि उन्हें मगथ की ही रानी हेलेना ने जहर देकर मार दिया गया था। एक और कहानी ये है कि राजा बिंदुसार के मंत्री सुबंधु ने आचार्य को जिंदा ही जला दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। हालांकि इनमें से कौन सी कहानी सच है, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है।