इस गांव में बना हुआ हैं गांधीजी का मंदिर, उनकी कसम से किया जाता हैं विवादों का समाधान

आप सभी महात्मा गांधी के बारे में तो जानते हैं जो कि हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में माने जाते हैं और देश को आजादी दिलाने के लिए इन्होनें कई आन्दोलन करते हुए जनचेतना दिलाई थी। आज भी लोगों को गांधीजी के मार्ग पर चलने की सीख दी जाती हैं हांलाकि बहुत कम लोग इसका अनुसरण करते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां गांधीजी का मंदिर बना हुआ हैं और लोग उनका अनुसरण करते है।

नई-नवेली बहू ससुराल जब गांव में कदम रखती हैं तो पहले आशीर्वाद लेने के लिए गांधी मंदिर ले जाया जाता है। इस गांव पर गांधीजी के विचारों का असर इतना पड़ा कि यहाँ किसी भी प्रकार का भेदभाव, छुआछूत जैसी समस्याओं नहीं हैं यदि मंदिर की बात की जाये तो मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथ में तिरंगा लिए भारत माता की प्रतिमा है गांधीजी यहाँ पर हाथो में गीता लिए बैठे हुई प्रतिमा में है।

इस मंदिर 11 अप्रैल 1974 पूर्व विधायक अभिमन्यु कुमार 93 साल पहले इस मंदिर की नीव रखी थी। यहाँ रोज एक घंटे रामधुन होती है, जिसमें पूरा गांव शामिल होता है। गांव के बुजुर्ग टिकेश्वर छुरिया व बनमाली कुम्हार का कहना है कि गांधीजी इंसान के रूप में भगवान लगते हैं। उनका कहना है कि उन सभी के घरों में गांधीजी की तस्वीर लगी है। इस गांव में गाँधी जी के विचारों को युवाओं में आत्मसात कर लिया है। इस गांव कि खासियत है कि यहाँ कोई भी नशा नहीं करता है। यहाँ पर विवाद भी कम होते है यदि कोई विवाद होता है तो उसके लिए पुलिस तक जाने की आवश्यकता नहीं होती है।