नागपुर महानगरपालिका को कस्तूरचंद पार्क की खुदाई में 1813 से 1817 साल की ब्रिटिशकालीन 4 तोपें मिली हैं। ये तोपें 9 फुट 6 इंच लंबी हैं। इतिहासकर भारा अंधारे के मुताबिक, 1817 से 1818 तक दूसरे भोसले राजा की सेना का अंग्रेजी सेना से युद्ध हुआ था। तब अंग्रेजों ने भोसले राजा की सेना के खिलाफ तोपों का इस्तेमाल किया था। केपी ग्राउंड में भी तोपें चली थीं। युद्ध के बाद तोपें यहीं रह गई होंगी और समय के साथ ये जमीन में धंस गई हों। दरअसल, महानगरपालिका पार्क ग्राउंड में पानी जमा न हो, इसलिए ड्रैगन लाइन बिछाने के लिए जेसीबी से जमीन की खुदाई की जा रही है। खुदाई के दौरान तोपें मिली हैं। इन तोपों को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।
नागपुर में खुदाई में मिलीं तोपों का भोसले साम्राज्य से गहरा सबंध बताया जा रहा है। इसलिए भोसले राजाओं के वंशज राजे मुधोजी भोसले भी तोपें देखने के लिए केपी ग्राउंड पहुंचे। इतिहासकारों के मुताबिक, अंग्रेजों ने 1882 में यह जगह व्यवसायी-समाजसेवी कस्तूरचंद डागा को दी थी। साल 1908 में एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के लिए यहां पैवेलियन बनाया गया था।