सौरमंडल के प्रमुख ग्रह शनि के पास अब 82 खोज हो गए है। खगोलशास्त्रियों ने शनि के 20 नए चांद खोज निकाले है। पहले इसके पास 62 चांद थे वही बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या 79 है। खगोलशास्त्रियों का मानना है कि शनि का चक्कर लगा रहे छोटे-छोटे चंद्रमाओं की संख्या 100 से अधिक हो सकती है। वैज्ञानिकों ने शनि के नए खोजे गए चंदमाओं के नाम रखने के लिए प्रतियोगिता भी शुरू की है। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के माइनर प्लेनेट सेंटर में यह घोषणा की गई। खगोलशास्त्रियों का मानना है कि नए खोजे गए चंद्रमाओं में 17 शनि के घूमने की दिशा से उलटा, जबकि तीन उसकी दिशा में चक्कर लगा रहे हैं। शनि के नए मिले हर चंद्रमा की परिधि ज्यादा से ज्यादा 5 किमी है वही वहीं, बृहस्पति के सबसे छोटे चांद की परिधि 1.6 किमी है। इससे छोटे चांद को खोजने के लिए और शक्तिशाली टेलीस्कोप की जरूरत है। बृहस्पति के मुकाबले शनि के चक्कर लगाने वाले छोटे चांद को खोजना ज्यादा मुश्किल है। ये जानना बहुत मुश्किल है कि शनि के चारों ओर कितने और चांद चक्कर लगा रहे हैं।
खगोलशास्त्रियों का यह भी कहना है कि शनि के ये छोटे-छोटे चंद्रमा किसी बड़े चंद्रमा के टूटने से बने हो सकते हैं। ये चांद शनि से इतनी दूरी पर हैं कि इन्हें एक चक्कर पूरा करने में दो से तीन साल लग जाते हैं। इन चंद्रमाओं के अधययन से वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि शनि किस चीज से बना है।अमेरिका में वाशिंगटन के कार्नेजी इंस्टीट्यूट फॉर साइंस खगोलविद स्कॉट शेफर्ड ने कहा, 'यह पता करना मजेदार था कि शनि चंद्रमा की संख्या के मामले में सौर मंडल का राजा बन गया है।' शेफर्ड ने पिछले साल ही शनि के 12 नए चांद खोजे थे। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि बृहस्पति एक मामले में खुश हो सकता है। उसके पास अब भी सौर मंडल के सभी ग्रहों में सबसे बड़ा चंद्रमा है। बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा जैनिमेड करीब-करीब पृथ्वी के आकार का आधा है। शेफर्ड और उनकी टीम ने गर्मियों के दौरान हवाई में टेलीस्कोप लगाकर शनि के 20 नए चांद खोजे। शनि के चारों ओर चक्कर लगाने वाले छोटे-छोटे चांदों की संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है, जिनकी खोज जारी है।