कैंसर के इलाज में सहायक है ये 1300 साल पुराना पेड़

हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे कैंसर की बीमारी का शिकार हुई हैं और लंदन में उनका इलाज चल रहा हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से जनता त्रस्त हैं और भारत में अधिकांश जनता की मौत का कारण कैंसर ही है। कैंसर से होने वाली मौतों का कारण है उचित और सस्ता इलाज ना हो पाना। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की चीन के हुनान प्रांत में एक ऎसी विलुप्तप्राय श्रेणी का अजीब पेड़ मिला है जो कैंसर का इलाज करने में सहायक है। तो आइये जानते हैं इस पेड़ के बारे में।

यह पेड़ 1300 साल पुराना है जिसका टैक्सोल कैंसर के इलाज करने में सहायक है। इस पेड़ को खोजने वालों के मुताबिक यह सदाबहार प्रजाति का पेड़ है जो टैक्सस चीनेंसिस पेड़ योंगझोउ शहर के शुनहुआंगशन राष्ट्रीय वन पार्क में मिला है। इस अनोखे पेड़ की लंबाई 35 मीटर और गोलाई 2।2 मीटर है। इसके अगल बगल दो और छोटे पेड़ हैं।

चीन की सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इन तीनों ही पेड़ों को स्थानीय ग्रामीणों ने बेहतर तरीके से संरक्षित करके रखा हुआ है। माना जाता है कि टैक्सस चीनेंसिस एक विलुप्तप्राय श्रेणी का पेड़ है। माना जाता है कि इस पेड़ की प्रजाति 25 लाख सालों से अस्तित्व में है। इस पेड़ से कुछ बीज निकलते हैं। इस प्रजाति का पेड़ केवल गर्म और गीली जगहों पर ही पनपता है।

टैक्सोल का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जाता है। इसके बाद इन पेड़ों से टैक्सोल प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में इनकी कटाई होने लगी। अत्यधिक कटाई के कारण इनकी संख्या इतनी कम हो गई और ये प्रजाति विलुप्तप्राय श्रेणी में आ गई।