यूक्रेन पर रूस के हमले को 13 दिन पूरे हो चुके हैं और आज जंग का 14वां दिन जारी हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया हैं जिसकी सजा आमलोगों को भुगतनी पड़ रही हैं। लोग इस डर के साये में राजधानी कीव को खाली कर रहे हैं कि कहीं कोई बम उनके ऊपर आकर ना गिर पड़े। इस जंग के बीच से लगातार दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच एक 11 साल की उम्र के बच्चे का मामला सामने आया जिससे जुड़ा किस्सा जान आपकी आंखें भी नाम हो जाएगी। यह बच्चा अकेले अपने माता-पिता से अलग 1000 किलोमीटर दूर पहुंचा हैं। इस मासूम बच्चे की बहादुरी की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है और बच्चे की तस्वीर वायरल हो गई है।
जानकारी के मुताबिक बच्चा दक्षिणी पूर्वी यूक्रेन के जपोरिजजिया का रहने वाला है। बच्चा जिस जगह से आया है, वो जगह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है और यहां रूस का कब्ज़ा हो चुका है। यहां से लोग अब पलायन कर दूसरे शहरों में जा रहे हैं। इस बच्चे को उसकी मां ने एक बैगपैक और हाथों में फोन नंबर लिखकर दिया था। बच्चे की कहानी स्लोवाकिया की मिनिस्ट्री की ओर से शेयर की गई है। उन्होंने बताया है कि -’11 साल का लड़का यूक्रेन से स्लोवाकिया सीमा पार करके आया था। उसके हाथ में प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और फोन नंबर की चिट थी। उसके माता-पिता यूक्रेन में ही हैं और वो अकेला आया है।’इसी पोस्ट में बच्चे की निडरता और मुस्कान के साथ-साथ दृढ़संकल्प की तारीफ की गई है और उसे रियल हीरो बताया गया है। बच्चे के माता-पिता से भी संपर्क किया जा चुका है। बच्चे के चेहरे की मासूमियत औरउसके पीछे का दर्द युद्ध और उससे बर्बाद हो रही ज़िंदगियों का गवाह है। उसकी बहादुरी भले ही लोगों का दिल जीत रही है लेकिन अपने पीछे एक सवाल भी छोड़ रही है – ये मासूम मुस्कानें कब तक छिनती रहेंगी?