
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस से जूझ रही जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। मौसम विभाग के अनुसार, 17 से 20 जून के बीच प्रदेश में मानसून की एंट्री की पूरी संभावना है। यह उम्मीद की जा रही है कि 18 जून को गोरखपुर के रास्ते दक्षिण-पश्चिम मानसून प्रदेश में दस्तक दे सकता है। हालांकि इससे पहले ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों में व्यापक स्तर पर प्री-मानसून बारिश की गतिविधियां तेज होने लगी हैं, जिससे तापमान में गिरावट आने लगी है।
लखनऊ से नोएडा तक रविवार को हुई बारिश के बाद सोमवार को भी मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। लोगों को लू और उमस से बड़ी राहत मिलने लगी है, हालांकि नमी भरी हवाओं ने अभी भी बेचैनी बनाए रखी है। मौसम विभाग ने अगले 7 दिनों में प्रदेश के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट की भविष्यवाणी की है। सोमवार को लखनऊ समेत 51 जिलों में मौसम का मिजाज बदला-बदला रहेगा।
मानसून की सामान्य प्रवृत्ति को देखते हुए मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के रास्ते मानसून के प्रवेश की सामान्य तिथि 18 जून है और इस बार भी उसी दिन के आसपास इसके आने की प्रबल संभावना बन रही है। वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, पुरी और बालुरघाट जैसे प्रमुख स्थानों से होकर गुजर रही है। अगले 3-4 दिनों में गुजरात, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम पूरी तरह से अनुकूल बन रहा है।
लखनऊ में रविवार को ताजगी भरी सुबहरविवार तड़के लखनऊ के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हुई। दिनभर धूप और बादलों की आंख-मिचौली जारी रही, जिससे उमस में इज़ाफा जरूर हुआ, लेकिन तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 39.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री दर्ज हुआ। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं की आपसी प्रतिक्रिया से यह बदलाव आया है। सोमवार को भी बादलों की आवाजाही और हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है, जबकि मंगलवार से अच्छी और नियमित बारिश की शुरुआत हो सकती है।
अमौसी स्थित मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में वायुमंडलीय चक्रवाती परिसंचरण और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ ने मिलकर इस बदलाव को जन्म दिया है। इससे न केवल तापमान में गिरावट आई है बल्कि लू की स्थिति भी काफी हद तक समाप्त हो चुकी है। फिलहाल लू की स्थिति सिर्फ दक्षिण-पूर्वी हिस्सों (जैसे वाराणसी, गाजीपुर) तक सीमित है।
मॉनसून की सक्रियता और संभावित बिजली गिरने की चेतावनीमौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 18 जून से प्रदेश में भारी बारिश की शुरुआत हो सकती है। इस दौरान तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट संभव है। बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे जान-माल की सुरक्षा के लिए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। रविवार तड़के फैजुल्लागंज में एक ताड़ के पेड़ पर बिजली गिरी, हालांकि कोई हानि नहीं हुई।
बादलों के टकराव से बनती है घातक बिजलीमौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि मानसून के दौरान बादलों में चार्जिंग की प्रक्रिया तेज होती है। हवा की रगड़ से बादलों में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज बनते हैं। जब ये टकराते हैं, तो लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है, जो कभी-कभी धरती तक भी पहुंचती है।
बिजली चमकने पर क्या करें और क्या न करें?- पेड़ के नीचे खड़े न हों।
- खुले में मोबाइल पर बात न करें।
- मेटल की वस्तुओं, ऊंची इमारतों से दूर रहें।
- खुले खेत में हों तो पानी या टिन शेड के पास न जाएं, उकड़ू बैठें और ज़मीन से संपर्क कम करें।
नोएडा में तापमान में 9 डिग्री की गिरावट दर्जनोएडावासियों को एक सप्ताह की तपिश के बाद राहत मिली। शनिवार रात की हल्की बारिश और तेज हवाओं ने मौसम को सुहाना बना दिया। अधिकतम तापमान 2 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को तापमान क्रमशः 40 और 29 डिग्री था, जो रविवार को घटकर 38 और 20 डिग्री रह गया। हालांकि नमी ने लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर दी।
मौसम विभाग ने सोमवार के लिए अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 24 डिग्री रहने की संभावना जताई है। बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलने की चेतावनी भी जारी की गई है। अगले दो दिनों के लिए भी येलो अलर्ट है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, नोएडा का एक्यूआई 159 और ग्रेटर नोएडा का 181 दर्ज हुआ, जो मध्यम श्रेणी में आता है।
बारिश के लिहाज से संवेदनशील इलाकेमौसम विभाग ने बताया कि 16 जून को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। साथ ही 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
इन जिलों में अलर्ट: कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर
बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, कासगंज, आगरा
फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर
प्री-मानसून बारिश ने बदला प्रदेश का मौसममौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में निचले क्षोभमंडल में निर्मित वायुमंडलीय चक्रवात और मध्य एवं ऊपरी क्षोभमंडल में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की संयुक्त प्रभावशीलता के चलते बीते 24 घंटों के दौरान कई क्षेत्रों में प्रभावशाली प्री-मानसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस शुरुआती बारिश के कारण राज्य भर में तापमान में व्यापक और उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने लगी है।
इस बारिश ने उत्तर प्रदेश में बीते एक सप्ताह से लगातार बनी तेज लू, तपती गर्म रातों और उच्च वायुमंडलीय आर्द्रता के कारण उपजी असहनीय उमस भरी गर्मी के प्रभाव को प्रभावशाली रूप से कम करना शुरू कर दिया है। वर्तमान स्थिति में लू का प्रभाव अब सीमित होकर केवल दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश (विशेष रूप से वाराणसी और गाजीपुर के आसपास के क्षेत्रों) तक सिमट गया है, जिससे अन्य जिलों के नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में फिलहाल छिटपुट और रुक-रुक कर मानसून-पूर्व बारिश हो रही है, जो धीरे-धीरे गर्मी के असर को कम कर रही है और वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ा रही है। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 17 से 20 जून के बीच मानसून पूर्व गतिविधियों में तेज़ी आने की पूरी संभावना है और 18 जून से प्रदेश में भारी वर्षा की शुरुआत हो सकती है। इस दौरान मेघगर्जन, बिजली की कड़क और वज्रपात की संभावनाएं भी प्रबल हैं।
मौसम विभाग का आकलन है कि अगले 3 से 4 दिनों के भीतर तापमान में लगभग 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट संभव है, जिससे तापमान सूचकांक (Heat Index) में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे लोगों को अत्यधिक गर्मी और लू से बड़ी राहत मिलने की संभावना है।
इसके मद्देनजर 16 जून के बाद उमस भरी गर्मी से पूर्णतः राहत मिलने के संकेत हैं। वहीं, मौसम विभाग ने जन-सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपील की है कि लोग वज्रपात, आंधी और तेज़ बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर शरण लें, और बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले स्थानों से दूरी बनाए रखें। साथ ही, किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की कटाई और भंडारण का कार्य समय रहते पूरा कर लें, ताकि किसी प्रकार की फसल क्षति से बचा जा सके।