20 दिन के अंतराल के बाद फिर से शुरू हुई कार्यकर्ता सुनवाई, सीएम ने सीधे सुनी जनता की समस्याएं

जयपुर: 20 दिन के अंतराल के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ता सुनवाई का सिलसिला फिर से शुरू हो गया। सोमवार को पशुपालन एवं डेयरी, गोपालन और देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत तथा राजस्व, उपनिवेशीकरण एवं सैनिक कल्याण विभाग के राज्य मंत्री विजय चौधरी ने कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुना।

कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने मीडिया को बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए इस सुनवाई को सप्ताह में तीन दिन नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा। करीब 20 दिन पहले यह कार्यक्रम मंत्रियों की अन्य सरकारी जिम्मेदारियों और सेवा पखवाड़े के चलते स्थगित किया गया था। अब इसे तय नियमों के अनुसार फिर से नियमित रूप से शुरू किया गया है।

मौके पर ही निस्तारण का प्रयास


कुमावत ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ता सुनवाई शुरू करने का यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है। सुनवाई के दौरान प्रारंभ में पशुपालन विभाग से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ बिजली और पानी से संबंधित समस्याएं सामने आईं। कई मामलों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया, जबकि जहां आवश्यकता थी, संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखने के निर्देश दिए गए।

कुमावत ने कहा कि भजनलाल सरकार राजस्थान को एक विकसित प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने में भाजपा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए उनकी समस्याओं की सुनवाई को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा सरकार प्रदेश में सुशासन स्थापित करने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। मंत्रीगण अपने क्षेत्रों में जनसुनवाई कर रहे हैं, और अब पार्टी कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं के लिए मंत्रियों की सुनवाई का आयोजन किया गया है। इससे पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को सम्मान और महत्व मिलेगा और संगठन अधिक सशक्त बनेगा।

पहले क्यों रुकी सुनवाई

कार्यकर्ता सुनवाई शुरू होने के बाद, पहले चरण में शिकायतों को संबंधित मंत्री तक भेजा जाना था ताकि कार्यकर्ता की अनुशंसा के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। लेकिन पहले चरण में केवल पांच दिन ही सुनवाई हुई और कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि भाजपा में यह परंपरा रही है कि सरकार की वर्षगांठ, संगठनात्मक अभियान या बड़े राजनीतिक आयोजनों के दौरान कार्यकर्ता सुनवाई को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया जाता है, ताकि जनप्रतिनिधि फील्ड में सक्रिय रह सकें।

सुनवाई की अहमियत

कार्यकर्ता सुनवाई के कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करती है:

सत्ता और संगठन में तालमेल स्थापित करना।

कार्यकर्ताओं की नाराजगी को कम करना।

2026 में राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव से पहले संगठन को सक्रिय मोड में लाना।

कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान कर उन्हें यह अहसास दिलाना कि प्रदेश में सरकार उनकी है।

कार्यकर्ताओं को सरकार तक सीधी पहुंच प्रदान करना।

फीडबैक के आधार पर नीतियों और योजनाओं में सुधार करना।

आगामी राजनीतिक गतिविधियों से पहले ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करना।

एक साल पहले बंद हुई थी सुनवाई

डेढ़ साल पहले, जून 2024 में भी भाजपा कार्यालय में जनसुनवाई शुरू की गई थी। लेकिन मंत्रियों की गैरमौजूदगी और शिकायतों के निस्तारण में विलंब के कारण इसे कुछ ही दिन बाद बंद कर दिया गया था। इससे आम जनता और कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया।

मुख्यमंत्री ने भी सुनी समस्याएं

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने निवास पर भी जनसुनवाई की और आमजन की समस्याओं को सुना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की समस्याओं का निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए और लापरवाह कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनकल्याण को सर्वोपरि मानते हुए प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि गरीब, युवा, किसान, महिलाएँ सहित सभी वर्गों का उत्थान राज्य की योजनाओं और नीतियों का केन्द्र है। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, श्रम, कृषि, गृह, राजस्व, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल सहित विभिन्न विभागों की समस्याओं को सुना और मौके पर ही उनका समाधान सुनिश्चित किया।