किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं, अरावली पर मचे घमासान के बीच CM भजनलाल का सख्त संदेश

अरावली पर्वतमाला को लेकर प्रदेशभर में चल रहे विवाद और विरोध प्रदर्शनों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक सख्त और अहम बयान देकर हलचल मचा दी है। सीएम ने साफ शब्दों में कहा है कि अरावली के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यहां खनन के लिए कोई नया पट्टा जारी नहीं होगा। उनके इस ऐलान को सरकार की ओर से बड़ा कदम माना जा रहा है, जो फिलहाल गरमाए माहौल को शांत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार (22 दिसंबर) को झालावाड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इसी मंच से उन्होंने अरावली मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी पर भी तीखा हमला बोला। सीएम ने कहा कि कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया पर “सेव अरावली” की डीपी लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि केवल डीपी बदलने से अरावली नहीं बचेगी, इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति और ठोस फैसलों की जरूरत होती है। भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पर लोगों को भ्रमित करने और मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया।

गौरतलब है कि अरावली पर्वतमाला को लेकर राजस्थान के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में सोमवार को विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। कई जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण भी रही और सड़कों पर हंगामे की तस्वीरें सामने आईं। ऐसे में मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश में चल रहा आंदोलन कुछ हद तक शांत हो सकता है और लोगों में भरोसा लौट सकता है।

हालांकि, मुख्यमंत्री के इस ऐलान पर कांग्रेस ने भी सियासी पलटवार किया है। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस बयान को लेकर चुटकी लेते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली से “पर्ची” आए बिना अपनी मर्जी से कोई बात कही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद है कि सीएम अपने इस बयान पर कायम रहेंगे और अरावली को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किए गए नियमों में बदलाव पर दबाव बनाकर उसे वापस करवाने का प्रयास करेंगे।

टीकाराम जूली ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में चल रहे जन आंदोलन और जनता के दबाव के चलते ही मुख्यमंत्री को यह घोषणा करनी पड़ी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार अपने वादे से पीछे हटती है, तो कांग्रेस पार्टी और अधिक मजबूती से विरोध दर्ज कराएगी और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

फिलहाल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस बयान के बाद अरावली को लेकर मचा सियासी और सामाजिक घमासान कुछ हद तक थमने की उम्मीद जताई जा रही है। इसे सरकार की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सीएम के इस रुख ने कांग्रेस को भी बयान का स्वागत करने के लिए मजबूर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि यह ऐलान केवल बयान तक सीमित रहता है या आने वाले समय में अरावली के संरक्षण को लेकर ठोस कदम भी उठाए जाते हैं।