अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रेगिस्तान से लेकर राजमहलों तक गूंजा योग का संदेश

आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम के तहत भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा संगठन के पदाधिकारी भी पूरे उत्साह से शामिल हुए। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था, बल्कि एकजुटता और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव का प्रतीक भी बन गया।

जैसलमेर जिले के खुहड़ी क्षेत्र में इस बार का राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जो अपने आप में अद्वितीय था। रेगिस्तान की रेत पर बसे खुहड़ी में जब हजारों लोगों ने एक साथ योग किया, तो वह दृश्य प्रेरणा से भर देने वाला था। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देशवासियों के नाम योग दिवस संदेश से हुई, जिसे सभी ने बड़े ध्यान और श्रद्धा से सुना।

प्रधानमंत्री के संदेश के तुरंत बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रेतीले धोरों पर योग करते हुए प्रदेशवासियों से अपील की कि वे नियमित योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जो न केवल तन को बल्कि मन को भी सशक्त बनाता है

इस कार्यक्रम में जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल, भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिला प्रशासन, सुरक्षा बलों के जवान और हजारों स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। यह आयोजन खुहड़ी की प्राकृतिक सुंदरता के बीच होने के कारण एक यादगार अनुभव बन गया।

योग कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित मातेश्वरी तनोट माता मंदिर में जाकर विशेष पूजा-अर्चना की। जिला मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की तनोट माता में गहरी आस्था है और हर बार जैसलमेर आने पर वह दर्शन अवश्य करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने BSF के जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला भी बढ़ाया, जो राष्ट्रभक्ति का उदाहरण है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई कर आम लोगों की समस्याएं सुनीं और दोपहर में विशेष विमान से जयपुर के लिए रवाना हो गए।

ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर भी हुआ योग का आयोजन

योग दिवस का असर सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इस बार धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर भी योग महोत्सव आयोजित किए गए। प्रदेशवासियों ने दिन की शुरुआत योग, आसन और प्राणायाम के साथ की। राजधानी जयपुर के 13 प्रमुख स्थानों पर एक साथ योग आयोजन हुआ, जिनमें सबसे उल्लेखनीय रहा सिटी पैलेस का आयोजन, जहां उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के नेतृत्व में हजारों नागरिकों, स्कूली छात्रों और योग प्रेमियों ने भाग लिया।

सेतुबंधासन, वृक्षासन, ताड़ासन से लेकर अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे प्राणायाम किए गए। इससे पहले सभी ने प्रधानमंत्री का लाइव भाषण देखा और उनसे प्रेरणा लेकर योग को जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।

दीया कुमारी ने इस अवसर पर कहा, “योग हमारी सांस्कृतिक विरासत का अमूल्य हिस्सा है। इसे केवल एक दिन नहीं, बल्कि जीवन शैली का हिस्सा बनाना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक विश्वव्यापी आंदोलन बन गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस बार का योग दिवस विशेष है, क्योंकि योग को हमने अपने ऐतिहासिक स्थलों और प्राचीन मंदिरों तक पहुंचाया है। इससे यह संदेश गया कि भारत की संस्कृति और योग एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं और जब यह संगम होता है, तो दुनिया भर में एक सकारात्मक संदेश जाता है।