जयपुर सचिवालय की डीपीआर बिल्डिंग में लगी आग, फायरकर्मियों ने आधे घंटे में पाया काबू, बड़ा हादसा टला

जयपुर सचिवालय की सूचना जनसंपर्क विभाग (DPR) बिल्डिंग में गुरुवार तड़के आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। समय रहते की गई कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना ने सचिवालय की जर्जर स्थिति और लापरवाही भरी व्यवस्था को एक बार फिर उजागर कर दिया है। हाल ही में सचिवालय की एक अन्य इमारत में फॉल सीलिंग गिरने की घटना हुई थी और अब आग की यह घटना राज्य प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

आग लगने की घटना और कार्रवाई


घटना गुरुवार सुबह करीब 5 बजे की है जब सचिवालय परिसर में स्थित सूचना जनसंपर्क विभाग (डीपीआर) के दफ्तर में अचानक आग लग गई। आग लगते ही अलार्म बज उठा और सचिवालय में मौजूद फायर कर्मी तुरंत हरकत में आ गए। आधे घंटे की मशक्कत के बाद फायर सिलेंडरों और पानी की पाइपों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया।

फायर अलार्म बजने के बाद सुरक्षा अधिकारी बाबू सिंह चौहान और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर मौके पर पहुंचे। प्रथम दृष्टया आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है। हालांकि, जांच के बाद ही सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।

बड़ा हादसा टल गया

सुरक्षा अधिकारी बाबू सिंह चौहान के अनुसार, आग तेजी से फैलने की संभावना थी और यह अन्य कमरों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी। लेकिन तैनात फायर कर्मियों की मुस्तैदी की वजह से आग एक कमरे तक ही सीमित रही और बड़े नुकसान को टाल दिया गया। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं होती तो यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

यह कोई पहली घटना नहीं है जब सचिवालय परिसर में लापरवाही के कारण कोई हादसा हुआ हो। इससे एक दिन पहले मंगलवार को सचिवालय की एक इमारत में चिकित्सा विभाग के कमरे की फॉल सीलिंग भरभराकर एक कर्मचारी के सिर पर गिर गई थी। हालांकि कर्मचारी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन इस घटना ने इमारत की जर्जर हालत की ओर ध्यान आकर्षित किया।

कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी


इन घटनाओं के बाद सचिवालय कर्मचारी संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है। मंगलवार की घटना के बाद राजस्थान सचिवालय कर्मचारी संघ और सचिवालय सेवा अधिकारी संघ ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को चेताया था कि बरसात से पहले मरम्मत कार्य नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे। बुधवार को इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें कार्मिक विभाग की अध्यक्षता में सचिवालय की संरचनात्मक खामियों की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में बुद्धि प्रकाश शर्मा और इंद्रजीत सिंह जैसे कर्मचारी संघों के प्रमुख भी मौजूद रहे।

आगे की दिशा और सवाल

लगातार हो रही इन घटनाओं ने सचिवालय की सुरक्षा और रख-रखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां सचिवालय शासन व्यवस्था का केंद्र बिंदु माना जाता है, वहां बुनियादी सुरक्षा उपायों की यह स्थिति चिंताजनक है। अधिकारियों को अब केवल कागजी निर्देश नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करके ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकनी होगी।

जयपुर सचिवालय में आग की यह घटना भले ही समय रहते काबू पा ली गई, लेकिन इसने सरकारी भवनों की व्यवस्थागत कमजोरियों को उजागर कर दिया है। अब यह जरूरी हो गया है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग सचिवालय जैसी महत्वपूर्ण जगह की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करें और समय रहते सुधारात्मक कदम उठाएं। अन्यथा अगली बार यह आग किसी बड़ी प्रशासनिक आपदा का कारण बन सकती है।