राजस्थान के टोंक में पिकनिक बना मातम: बनास नदी में नहाने गए जयपुर के 8 दोस्तों की डूबने से मौत

टोंक। राजस्थान के टोंक जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। जयपुर से पिकनिक मनाने आए 11 दोस्तों का समूह जब बनास नदी में नहाने गया, तो उसमें से आठ युवकों की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा न सिर्फ युवाओं की लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की चेतावनी या सुरक्षा उपाय न होने की कमी को भी उजागर करता है।

कैसे हुआ हादसा?


पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान के अनुसार, सभी युवक 25 से 30 वर्ष की उम्र के थे और जयपुर से पिकनिक मनाने टोंक पहुंचे थे। समूह के सभी 11 युवक नदी में नहाने उतरे थे, लेकिन अचानक वे गहरे पानी में चले गए। तीन युवकों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया और उनकी हालत फिलहाल स्थिर है। बाकी आठ को बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

स्थानीय लोगों की मदद से चला रेस्क्यू ऑपरेशन

हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। शवों को काफी मशक्कत के बाद पानी से बाहर निकाला गया। पुलिस ने बताया कि हादसा कैसे हुआ, यह अब भी स्पष्ट नहीं है—लेकिन प्राथमिक जांच में माना जा रहा है कि सभी युवक अचानक गहराई में चले गए और तैरना नहीं आने के कारण वे डूबते चले गए।

दर्दनाक मंजर और कोहराम

यह खबर सुनते ही टोंक से लेकर जयपुर तक शोक की लहर दौड़ गई। जिन घरों से हँसते-खेलते युवा निकले थे, वहाँ अब चीख-पुकार और मातम का माहौल है। स्थानीय लोगों की मदद से सभी शवों को बनास नदी से बाहर निकाला गया। यह मंजर इतना दर्दनाक था कि देखने वालों की रूह काँप उठी।

अस्पताल में भारी भीड़

सभी 8 शवों को सआदत अस्पताल लाया गया है, जहाँ उन्हें मोर्चरी में रखवाया गया है। अस्पताल परिसर में भारी भीड़ जमा है, जिनमें मृतकों के परिजन और परिचित शामिल हैं। हर आँख नम है और हर चेहरा इस असहनीय पीड़ा में डूबा है। टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सागवान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेंद्र भाटी सहित अन्य अधिकारी अस्पताल में मौजूद हैं, जो स्थिति का जायजा ले रहे हैं और परिजनों को ढाँढस बँधा रहे हैं।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह कोई पहली बार नहीं है जब राजस्थान में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। पिछले महीने ही जयपुर के दूदू इलाके में एक तालाब में नहाने के दौरान चार बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। यह हादसा तब हुआ जब एक लड़की फिसल कर तालाब में गिर गई और बाकी तीन उसे बचाने के चक्कर में डूब गए।

चेतावनी और सुरक्षा के इंतजाम नदारद

राज्य में गर्मी के मौसम में नदी-तालाबों में नहाने की घटनाएं आम हैं, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम अब भी नहीं हो पाए हैं। न तो वहां कोई चेतावनी बोर्ड था, न ही लाइफगार्ड या निगरानी टीम। प्रशासन की यह लापरवाही लगातार मासूम जिंदगियों को लील रही है।

एक और हादसा, गहरा ज़ख्म


बनास नदी में यह कोई पहला हादसा नहीं है। यह घटना एक बार फिर नदी किनारे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। इन 8 जिंदगियों का असमय चले जाना सिर्फ उनके परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक गहरा और कभी न भरने वाला ज़ख्म छोड़ गया है। यह हादसा कई परिवारों के सपनों को चूर-चूर कर गया है।

बनास नदी में डूबे आठ युवकों की मौत ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी पिकनिक योजनाएं इतनी जोखिम भरी हो चुकी हैं कि उनकी कीमत जिंदगी से चुकानी पड़े? प्रशासन को चाहिए कि नदी और तालाब जैसे स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दे, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी रोकी जा सके। साथ ही, आम लोगों को भी ऐसी जगहों पर सतर्क रहना चाहिए और किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहिए।