
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर राजस्थान और गुजरात में बड़े पैमाने पर छापेमारी करते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। गुरुवार को की गई इस कार्रवाई की जानकारी एजेंसी ने शुक्रवार को जारी बयान में साझा की। नेक्सा एवरग्रीन मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी इस छापेमारी में जयपुर, जोधपुर, सीकर, झुंझुनू और अहमदाबाद समेत कुल 25 स्थानों पर एक साथ ऑपरेशन चलाया गया।
जब्त संपत्तियों का ब्योराED ने इस कार्रवाई में कुल 2.04 करोड़ रुपये नकद और लगभग 15 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। इसके साथ ही छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में संदेहास्पद दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेज़ भी जब्त किए गए हैं, जो जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
27 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का मामलायह छापेमारी 62,000 से अधिक लोगों से करीब 27,000 करोड़ रुपये की ठगी से जुड़े नेक्सा एवरग्रीन स्कैम की कड़ी में हुई है। एजेंसी इस पूरे घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े के तहत निवेशकों को जमीन, फ्लैट या मोटे मुनाफे का लालच देकर भारी रकम ऐंठी गई थी।
कई जिलों में दर्ज हैं केसनेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट के खिलाफ राजस्थान के विभिन्न जिलों में पहले ही कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इसी मामले को लेकर अब ED ने वित्तीय लेनदेन की गहराई से पड़ताल शुरू की है। जयपुर, सीकर, झुंझुनू और जोधपुर में अलग-अलग टीमों ने एक साथ दबिश दी, जिससे स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया।
ED की इस छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में अब डिजिटल माध्यमों जैसे क्रिप्टोकरेंसी की भूमिका भी गंभीर हो गई है। सरकार और एजेंसियां इन मामलों पर सख्त निगरानी बनाए हुए हैं और आम नागरिकों को भी सजग रहने की आवश्यकता है। Nexa Evergreen जैसा घोटाला दिखाता है कि लालच में आकर बिना जांचे-परखे निवेश करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।