25 जून से खुलेंगे स्कूल, पांव पसारते कोरोना ने बढ़ाई अभिभावकों की चिंता, गाइडलाइन की मांग तेज

जयपुर। राजस्थान में 25 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन उसी के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा दी है। विशेष रूप से जयपुर में एक्टिव केसों की संख्या तेजी से बढ़ी है और इसी कारण स्कूल खुलने से पहले सख्त कोरोना गाइडलाइन जारी करने की मांग जोर पकड़ रही है।

कोरोना केसों में तेजी, सरकार मौन

राज्य में कोरोना के कुल 625 एक्टिव केस हैं, जिनमें से अकेले जयपुर में 386 संक्रमित मरीज हैं। यह आंकड़े ऐसे समय में सामने आ रहे हैं जब महज तीन दिन बाद स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत होनी है। बावजूद इसके राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई कोरोना गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इस निष्क्रियता को लेकर अभिभावकों में असंतोष है।

संयुक्त अभिभावक संघ की चेतावनी

राजस्थान संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि स्कूलों में एक भी विद्यार्थी संक्रमित होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार, शिक्षा विभाग और प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि जब पहले कोरोना लहर थी, तब सरकार ने हर केस पर सतर्कता दिखाई थी, लेकिन अब स्थिति को नजरअंदाज किया जा रहा है जबकि नया वैरिएंट सामने आ चुका है।

सतर्कता की सख्त जरूरत

प्रवक्ता जैन ने बताया कि राज्य सरकार को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, कलेक्टर, शिक्षा निदेशक और प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर मांग की गई थी कि स्कूल खुलने से पहले व्यापक सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

डॉक्टर्स की चेतावनी: डेंगू और टायफाइड का भी खतरा


राज्य में मानसून शुरू होने के साथ ही डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि डेंगू, मलेरिया, टायफाइड, सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियां भी बच्चों को प्रभावित कर सकती हैं। ये बीमारियां कोरोना जैसे ही लक्षण देती हैं, जिससे भ्रम और संक्रमण दोनों का खतरा और बढ़ सकता है।

स्कूलों को चाहिए सतर्कता के उपाय

विशेषज्ञों और अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में सैनिटाइजेशन, मास्क पहनना, थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन मोड जैसे प्रबंधों की सख्त जरूरत है। साथ ही किसी भी सर्दी-खांसी या बुखार से ग्रसित छात्र को स्कूल आने से रोका जाना चाहिए।

राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच स्कूलों का पुनः खुलना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि तुरंत दिशा-निर्देश जारी करे और स्कूल प्रशासन को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दे। यह समय लापरवाही का नहीं, सतर्कता और सुरक्षा का है।