
राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास अजमेर-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे पर शनिवार तड़के हुए एक दर्दनाक हादसे ने श्रद्धालुओं की यात्रा को मातम में बदल दिया। खाटूश्यामजी दर्शन को जा रहे एक कैंटर को पुलिस द्वारा रोके जाने के दौरान पीछे से आए तेज रफ्तार कंटेनर ने टक्कर मार दी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और एक पुलिसकर्मी समेत तीन लोग घायल हो गए। मामले में पुलिसकर्मियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगने के बाद चार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
हादसे की वजह बना पुलिसकर्मियों का दखल?शनिवार सुबह जयपुर के चंदवाजी थाना क्षेत्र में मानपुरा माचेड़ी के पास हाईवे पर यह हादसा हुआ। उत्तर प्रदेश के आगरा से श्रद्धालु खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए कैंटर में सवार होकर जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों और मृतका की बेटी के अनुसार, पुलिस की हाईवे पेट्रोलिंग टीम ने कैंटर को ओवरलोड बताकर रोका और 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इसी दौरान श्रद्धालु नीचे उतरकर बातचीत कर रहे थे, तभी पीछे से तेज गति में आ रहा कंटेनर ने खड़े कैंटर को जोरदार टक्कर मार दी।
एक महिला की मौत, पुलिसकर्मी सहित तीन घायलहादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक पुलिसकर्मी और दो अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतका के शव को मोर्चरी में रखवाया गया है। टक्कर इतनी तेज थी कि कैंटर कई फीट तक घसीटता चला गया।
हादसे के बाद हंगामा, जाम और विरोधदर्दनाक हादसे के बाद मौके पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। आक्रोशित लोगों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया। बड़ी संख्या में वाहन फंस गए। सूचना पर पहुंची चंदवाजी थाना पुलिस ने भारी समझाइश के बाद दो से तीन घंटे में जाम को खुलवाया और यातायात सुचारु कराया।
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाईघटना में लापरवाही और रिश्वत मांगने के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एएसपी नारायण लाल तिवाड़ी ने हाईवे पेट्रोलिंग टीम के चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मामले को लेकर उच्चाधिकारियों ने भी संज्ञान लिया है।
यह हादसा न केवल एक दर्दनाक दुर्घटना है, बल्कि कानून व्यवस्था और पुलिस के आचरण पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। जहां श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा पुलिस की कथित लालच की भेंट चढ़ गई, वहीं इस हादसे ने सड़क सुरक्षा, हाईवे पेट्रोलिंग और जिम्मेदारी के सवालों को फिर से सतह पर ला दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिला पाता है या नहीं।