तेल संकट और वैश्विक तनाव से हिला शेयर बाजार, शुरुआती गिरावट के बाद लौटी तेजी, सेंसेक्स-निफ्टी में उतार-चढ़ाव जारी

इजरायल-ईरान संघर्ष और इसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आए उछाल का असर बुधवार को भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर नजर आया। दिन की शुरुआत तो गिरावट के साथ हुई, लेकिन थोड़ी ही देर में बाजार ने खुद को संभालते हुए तेजी पकड़ ली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स ने रेड जोन से ग्रीन जोन में वापसी कर बाजार में सकारात्मक संकेत दिए, हालांकि पूरे दिन उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा।

शुरुआत में फिसला बाजार, फिर पकड़ी रफ्तार

बुधवार को BSE Sensex ने अपने पिछले बंद स्तर 81,583.30 से करीब 200 अंक नीचे 81,314.62 पर शुरुआत की। कुछ मिनटों तक यह लाल निशान में बना रहा, लेकिन फिर अचानक 260 अंक से अधिक की उछाल लेकर 81,781.99 के स्तर तक पहुंच गया।

वहीं NSE Nifty ने भी 24,853.40 की तुलना में नीचे जाकर 24,788.35 पर कारोबार शुरू किया और फिर 24,766.90 तक गिरा। लेकिन इसके बाद इसने जोरदार वापसी करते हुए 24,944.45 का स्तर छू लिया।

ग्लोबल संकेतों के बीच मिला-जुला रुख

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले-जुले संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार की चाल भी अस्थिर रही। एक ओर 947 कंपनियों के स्टॉक्स ने हरे निशान के साथ कारोबार की शुरुआत की, वहीं 1082 कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। 148 शेयर ऐसे भी रहे, जिनमें कोई विशेष बदलाव नहीं देखा गया।

तेजी के सितारे: IndusInd Bank, Maruti, M&M

बाजार में तेज रफ्तार से बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों की बात करें, तो लार्जकैप श्रेणी में IndusInd Bank के शेयर 5.05% चढ़े। इसके अलावा Maruti (2.08%), Mahindra & Mahindra (1.80%), और Titan (1.20%) में भी मजबूती देखी गई।

मिडकैप कैटेगरी में FirstCry (4.39%), Bandhan Bank (3.23%), VMM (2.76%), Uno Minda (2.74%), JSW Infra (2.40%) और Bharti Hexa के शेयरों में 2% से अधिक की तेजी देखी गई।

गिरावट वाले शेयरों की स्थिति

जहां एक ओर कुछ शेयरों ने मजबूती दिखाई, वहीं कई शेयरों में गिरावट भी दर्ज हुई। लार्जकैप में Kotak Bank, PowerGrid और Adani Ports के शेयरों में कमजोरी रही।

मिडकैप कंपनियों में Policy Bazaar, Max Health, NHPC और IKS के शेयर लाल निशान में कारोबार करते रहे। स्मॉलकैप कैटेगरी में Orient Cement में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई जो 14.60% तक लुढ़क गया। Mobikwik के शेयर 4.30% और Centrum के 3.72% टूटे।

क्या है उतार-चढ़ाव की वजह?

इस अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव—विशेषकर इजरायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष—और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं। निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के हर छोटे-बड़े संकेत पर नजर बनाए हुए हैं। तेल की कीमतों में अचानक आई तेजी ने व्यापार घाटा और महंगाई पर दबाव की आशंका को जन्म दिया है, जिससे निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुई हैं।

भारतीय शेयर बाजार वैश्विक घटनाओं के प्रभाव से अछूता नहीं है और इसका उदाहरण बुधवार को देखने को मिला, जब तेल संकट और युद्ध जैसे हालातों ने शुरुआती गिरावट की स्थिति बना दी। हालांकि बाजार ने बाद में अपनी स्थिति संभाल ली, लेकिन यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में अस्थिरता बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्कता और विवेक से काम लेना होगा और तेज़ मुनाफा या अचानक गिरावट दोनों की संभावना के लिए तैयार रहना होगा।