‘मुंबई का मेयर हमारा होगा’ बयान से मचा सियासी भूचाल, मंत्री संजय शिरसाट का राज ठाकरे पर तीखा हमला

मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर उबाल पर आ गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के उस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुंबई का मेयर मराठी होगा और वही उनका होगा। इस बयान के सामने आते ही सत्ताधारी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं और राजनीतिक माहौल गर्मा गया है।

राज ठाकरे के बयान पर संजय शिरसाट का जोरदार पलटवार

राज ठाकरे के इस दावे पर मंत्री संजय शिरसाट ने कड़ा प्रहार करते हुए उनकी राजनीतिक समझ और क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं। शिरसाट ने कहा कि राज ठाकरे की यह बयानबाजी हैरान करने वाली है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने घर और परिवार की जिम्मेदारी ठीक से नहीं संभाल पा रहा, वह महाराष्ट्र और मुंबई जैसी बड़ी व्यवस्था को संभालने की बात कैसे कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई महानगरपालिका पर शासन करने के सपने देखना आसान है, लेकिन उसे निभाना उतना ही कठिन है।

मंत्री शिरसाट यहीं नहीं रुके। उन्होंने राज ठाकरे पर निजी स्तर पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके बच्चे अब बड़े हो चुके हैं और उनकी नीतियों व विचारधारा से सहमत नहीं हैं। इसी वजह से वे अलग रास्ता अपना रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह किसी तरह का पलायन नहीं, बल्कि सोच और विचारों से दूरी का संकेत है। शिरसाट के इन बयानों को राज ठाकरे की राजनीतिक साख पर सीधा हमला माना जा रहा है।

संयुक्त प्रेस वार्ता में क्या कहा था राज ठाकरे ने

यह विवाद उस समय और गहराया, जब यह सामने आया कि राज ठाकरे ने यह बयान शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान दिया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र किसी भी तरह के आपसी झगड़े से बड़ा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनका गठबंधन बन चुका है और मुंबई का मेयर मराठी होगा और वही उनका होगा।

नगर निगम चुनाव से पहले बढ़ा सियासी तापमान

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की यह संयुक्त उपस्थिति आगामी नगर निगम चुनावों के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। दोनों नेताओं के एक मंच पर आने के संकेतों ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। वहीं, मंत्री संजय शिरसाट जैसे नेताओं के आक्रामक बयानों से साफ हो गया है कि बीएमसी चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक बयानबाजी और टकराव और तेज होने वाला है।