महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, लेकिन बियर-वाइन पर दी राहत

भले ही महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी में भारी इजाफा करके शराब पीने वालों को बड़ा झटका दिया है, जिससे देशी और विदेशी शराब बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के शेयर भारी गिरावट के साथ धड़ाम हो गए हैं, लेकिन इसके विपरीत बियर और वाइन बनाने वाली कंपनियों की चांदी हो गई है। सरकार ने इन दोनों हल्की मादक पेयों को एक्साइज टैक्स की नई दरों से बाहर रखते हुए न सिर्फ कंपनियों को राहत दी है बल्कि इन प्रोडक्ट्स के शौकीनों को भी बड़ी राहत दी है। इसका सीधा और स्पष्ट अर्थ है कि बियर और वाइन की कीमतों में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं की जाएगी। यही वजह है कि बाजार में इन कंपनियों के शेयरों ने अचानक रफ्तार पकड़ ली है और रॉकेट की तरह ऊपर चढ़ गए हैं। आइए जानें कि इस टैक्स पॉलिसी में क्या खास बातें हैं और इसका किसे कितना फायदा मिल रहा है।

बियर और वाइन की कीमतों में स्थिरता से बाजार में बनी हलचल

महाराष्ट्र सरकार द्वारा शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बावजूद बियर और वाइन को टैक्स के दायरे से बाहर रखने के निर्णय ने सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड और जीएम ब्रुअरीज लिमिटेड जैसी बियर-वाइन कंपनियों के लिए खुशखबरी ला दी है। इन कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल दर्ज किया गया — जीएम ब्रुअरीज के शेयरों में करीब 20 फीसदी और सुला वाइनयार्ड्स के शेयरों में लगभग 13 फीसदी की तेज़ी देखने को मिली।

हार्ड लिकर पर महंगाई का असर, लेकिन बियर-वाइन को कर राहत से छूट

नई शराब नीति के अनुसार, जहां रिटेल दुकानों, बार और रेस्त्रां में शराब महंगी हो गई है, वहीं बियर और वाइन की कीमत जस की तस रहेगी। इसका कारण यह है कि बियर में हार्ड लिकर की तुलना में अल्कोहल की मात्रा कम होती है, और इसे अपेक्षाकृत हल्का पेय माना जाता है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में बियर और वाइन उद्योग को प्रोत्साहन देना है।

स्थानीय किसानों और वाइन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की वाइनरी का एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र में मौजूद है, और इन वाइनरी में इस्तेमाल होने वाले अंगूरों की खेती स्थानीय किसानों द्वारा की जाती है। सरकार की नई नीति से इन किसानों और वाइन उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग की आय बढ़ाने के लिए कई फैसलों को मंजूरी दी गई, जिनसे सालाना राजस्व में 14,000 करोड़ रुपये तक की वृद्धि की उम्मीद जताई गई है।

देसी और विदेशी शराब पर टैक्स दरों में बढ़ोतरी से बढ़ेंगी कीमतें

विदेशी शराब पर अब एक्साइज ड्यूटी को उत्पादन लागत के मुकाबले 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया गया है। इसके साथ ही देसी कंपनियों की शराब पर टैक्स 180 रुपए से बढ़ाकर 205 रुपए प्रति बल्क लीटर कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी के चलते विदेशी शराब की कीमतों में करीब 40 फीसदी तक की वृद्धि देखी जा सकती है। हालांकि, महाराष्ट्र में निर्मित शराब को फिलहाल इस बढ़ोतरी से बाहर रखा गया है।

कंपनियों के मुनाफे पर दिखेगा सीधा असर


शराब उद्योग में महाराष्ट्र का वॉल्यूम 10 से 12 फीसदी है। यूनाइटेड स्पिरिट्स जैसी बड़ी कंपनियों की कुल बिक्री में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 20 से 22 फीसदी और रेडिको खेतान की बिक्री में 7 से 8 फीसदी की हिस्सेदारी है। टैक्स बढ़ने से इन कंपनियों के EPS (earning per share) पर भी दबाव पड़ सकता है। यूनाइटेड स्पिरिट्स पर 6-8% और रेडिको खेतान पर 2-3% का असर संभावित है।

बियर-वाइन कंपनियों के शेयरों ने दिखाई रफ्तार


सरकारी राहत की खबर के बाद बियर और वाइन कंपनियों के शेयरों ने तेजी से उड़ान भरी। जीएम ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयर 20% उछलकर ₹859.90 के उच्च स्तर पर पहुंच गए, जबकि सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड के शेयरों में करीब 13% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और उन्होंने ₹335.45 का स्तर छू लिया