
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या से जुड़े मामले में भले ही मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी समेत चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी हो, लेकिन इस मामले में हर दिन नए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं, जो पुलिस जांच को और अधिक पेचीदा बना रहे हैं।
इसी कड़ी में इस केस से एक और नया नाम जुड़ गया है – जितेंद्र रघुवंशी। यह नाम तब सामने आया जब केस के एक आरोपी और सोनम के कथित प्रेमी राज कुशवाहा के बैंक अकाउंट्स की बारीकी से जांच की गई। उस जांच में यह खुलासा हुआ कि अत्यंत साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाला राज कुशवाहा एक-दो नहीं बल्कि चार अलग-अलग बैंक खातों से लेन-देन कर रहा था।
सबसे हैरानी की बात यह है कि ये चारों अकाउंट्स राज के नाम से न होकर देवास निवासी जितेंद्र रघुवंशी के नाम पर हैं। इस खुलासे के बाद पुलिस ने केस में हवाला के संभावित एंगल की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन्हीं खातों में से एक से राज ने राजा की हत्या के लिए अपने साथियों को 50 हजार रुपये की रकम ट्रांसफर की थी, जो इस मर्डर केस में आर्थिक षड्यंत्र का संकेत देता है।
सोनम के परिवार का बिजनेस और राज की अहम भूमिकासोनम के परिवार के सदस्यों के अनुसार, राज कुशवाहा प्लाईवुड फैक्ट्री के फाइनेंशियल लेन-देन और प्रबंधन से जुड़ा पूरा काम देखता था, जिसमें ग्राहकों से डीलिंग और पैसे का हिसाब-किताब शामिल था। वह लगभग दो से तीन वर्षों से इस व्यापार में सक्रिय रूप से शामिल था, और इस वजह से उसे कारोबार के हर पहलू की पूरी जानकारी थी।
इसी वजह से सोनम और राज के बीच लगातार संवाद होता था, जो बाद में उनके नजदीकी संबंधों में बदल गया। अब पुलिस को शक है कि राज और जितेंद्र का संबंध किसी संगठित हवाला नेटवर्क से भी हो सकता है, और यह भी आशंका जताई जा रही है कि सोनम ने राज के माध्यम से लाखों रुपये अवैध रूप से ट्रांसफर करवाए होंगे।
जितेंद्र रघुवंशी कौन है? गोविंद रघुवंशी ने तोड़ी चुप्पीइस रहस्यमयी नाम — जितेंद्र रघुवंशी — के बारे में सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत में सच्चाई बताई। गोविंद के अनुसार, जितेंद्र उनकी मौसी का बेटा है यानी रिश्ते में मौसेरा भाई लगता है।
गोविंद ने साफ कहा कि जितेंद्र कभी-कभी परिवार के व्यवसाय में भी हाथ बंटाता है, और इसलिए कई बार उसकी बैंक डिटेल्स का उपयोग लेन-देन के लिए किया गया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि व्यापारिक आवश्यकता के चलते पार्टियों और ग्राहकों के भुगतान के लिए जितेंद्र के खाते का सहारा लिया गया था, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार के हवाला कारोबार से परिवार के जुड़ाव से इनकार किया।
गोविंद ने भरोसा दिलाया कि उनका पूरा परिवार पुलिस जांच में पूरा सहयोग कर रहा है, और वे इस केस में सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।