बेंगलुरु भगदड़ पर बोले सिद्धारमैया, सरकारी आयोजन नहीं था, आयोजकों-पुलिस पर डाली जिम्मेदारी

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून को आईपीएल 2025 की विजेता टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के सम्मान समारोह में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 56 घायल हो गए। इस दुखद घटना के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार पर विपक्षी दलों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने अब पहली बार इस हादसे पर सफाई दी है और खुद को निर्दोष बताया है।

सिद्धारमैया बोले - यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं था, आयोजकों और पुलिस की चूक


मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह समारोह राज्य सरकार का नहीं था, बल्कि आयोजकों द्वारा आयोजित निजी कार्यक्रम था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना से व्यक्तिगत रूप से पीड़ा पहुंची है और यह किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं होना चाहिए।

भीड़ नियंत्रण में असफल रही पुलिस, कमिश्नर सहित कई अधिकारी सस्पेंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना की गंभीरता को देखते हुए बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर समेत पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा इंटेलिजेंस चीफ और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को भी हटाया गया है। उन्होंने माना कि पुलिस कमिश्नर को स्टेडियम के बाहर बढ़ते हालात की जानकारी उन्हें देनी चाहिए थी, जो नहीं दी गई।

स्टेडियम को शिफ्ट करने पर विचार, आयोजकों पर एफआईआर

सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट प्रा. लि., कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) और आरसीबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

मेरी क्या गलती?—CM ने विपक्ष पर लगाया राजनीति करने का आरोप

मुख्यमंत्री ने भाजपा और जेडीएस पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष इसे सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा बना रहा है। उन्होंने पूछा, मैंने क्या गलत किया? उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पहले ही न्यायिक जांच का आदेश दे दिया है और सभी दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में सरकार को दोष देना अनुचित है।

चेतावनी वाला पत्र कभी मेरे पास पहुंचा ही नहीं

सीएम ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस ने कार्यक्रम को लेकर पहले ही खतरे की आशंका जताई थी, लेकिन वह पत्र उन्हें कभी मिला ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह अनुमति DPR विभाग की ओर से दी गई थी और अगर कुछ शर्तें थीं, तो उन्हें पूरा किया जाना चाहिए था।

राजनीतिक घमासान के बीच CID जांच और जांच समिति गठित

इस हादसे के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए CID को सौंपा है और एक स्वतंत्र जांच समिति भी बनाई गई है, जो इस पूरे घटनाक्रम की तह तक जाएगी।