झारखंड सरकार ने 16वें वित्त आयोग से मांगे 3.03 लाख करोड़, विशेष संरक्षण की उठाई मांग

रांची। झारखंड सरकार ने राज्य के समेकित और समावेशी विकास के लिए 16वें वित्त आयोग से कुल 3,03,527 करोड़ रुपये के केंद्रीय अनुदान की मांग की है। आयोग की अध्यक्षता कर रहे अरविंद पनगढ़िया और उनकी टीम के चार दिवसीय राज्य दौरे के दौरान यह मांग की गई।

क्या कहा सरकार ने?

राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने आयोग के समक्ष एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें बताया गया कि झारखंड खनिज और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है, लेकिन इसका जितना दोहन देश के लिए किया जाता है, उसके अनुपात में झारखंड को केंद्रीय अनुदान नहीं मिल रहा।

किन क्षेत्रों के लिए मांगा गया कितना अनुदान?

—आधारभूत संरचना विकास – ₹2,01,772 करोड़ (सड़क, पुल, ग्रामीण विकास, परिवहन, ऊर्जा, शहरी विकास, उद्योग, पर्यटन आदि)

—सामाजिक सेक्टर – ₹44,447 करोड़ (शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला-कल्याण आदि)

—कृषि, वन एवं जल संसाधन – ₹41,388 करोड़

—गृह, पंचायती राज, भूमि सुधार व राजस्व – ₹17,918 करोड़

क्या बोले मंत्री?

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, उच्च शिक्षा व नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, और जल संसाधन मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने एक स्वर में कहा कि झारखंड को विकास की दौड़ में आगे लाने के लिए विशेष सहायता की ज़रूरत है।

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा, “आयोग ने राज्य की ज़रूरतों को समझने में रुचि दिखाई है और सकारात्मक रुख दिखाया है।”

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों और पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए विस्तृत दस्तावेज आयोग को सौंपा गया है।

झारखंड सरकार को उम्मीद है कि आयोग राज्य के साथ वित्तीय न्याय करेगा और विकास की गति को तेज करने में मददगार साबित होगा। आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह संवैधानिक दायरे में रहकर समुचित निर्णय लेगा।

यह मांग आने वाले वर्षों में झारखंड के ढांचागत और सामाजिक विकास के लिए एक बड़ा निर्णायक कदम साबित हो सकती है।