
अगले महीने से आरंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा की चौकसी और प्रशासन की तैयारी ज़ोरों पर है। इस आध्यात्मिक यात्रा की अवधि इस बार 38 दिनों की होगी, जो 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा को लेकर तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की तैयारियों का जायज़ा लेते हुए कहा कि इस बार रजिस्ट्रेशन की संख्या भले ही कम है, लेकिन लोगों की आस्था और उत्साह के बलबूते यह आंकड़ा जल्द ही बढ़ेगा।
ऊंचे हिमालयी रास्तों से होकर बाबा बर्फानी के दर्शन38 दिनों की यह कठिन लेकिन पवित्र यात्रा दो प्रमुख मार्गों से शुरू होगी – पहला 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम रूट (अनंतनाग जिला) और दूसरा 14 किलोमीटर छोटा लेकिन कठिन बालटाल रूट (गांदरबल जिला)। इस दौरान श्रद्धालु 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा अमरनाथ के दर्शन करेंगे। यात्रा के एक दिन पहले भगवती नगर से पहला जत्था कश्मीर की ओर रवाना होगा।
पहले से बेहतर हुआ यात्रा मार्ग, दोनों ट्रैक किए गए चौड़ेएक प्रेस कॉन्फ्रेंस में LG मनोज सिन्हा ने बताया कि यात्रा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए श्राइन बोर्ड ने अपनी सभी सुविधाओं को अपग्रेड किया है। उन्होंने बताया कि पहले जहां ये ट्रैक सिर्फ 5 फीट चौड़े थे, वहीं अब उन्हें 12 फीट तक चौड़ा कर दिया गया है ताकि तीर्थयात्रियों को सुविधा हो और यात्रा अधिक सुरक्षित बन सके।
रजिस्ट्रेशन में गिरावट, लेकिन उम्मीदें अब भी बरकरारLG सिन्हा ने बताया कि पिछले साल 5.12 लाख यात्री अमरनाथ यात्रा में शामिल हुए थे। इस बार की शुरुआत में लगभग 30-40 हजार की गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले से पहले ही 2.36 लाख से अधिक यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था। हालांकि अब धीरे-धीरे श्रद्धालु फिर से रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं और संख्या 80 हजार के पार पहुंच चुकी है।
साफ-सुथरी यात्रा के लिए पूरी प्रतिबद्धताउपराज्यपाल ने बताया कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सफाई व्यवस्था को भी विशेष रूप से सुदृढ़ किया गया है। RIFD सिस्टम, हाई क्वालिटी लाइव कैमरे, और कंट्रोल रूम जैसी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया गया है। बिजली की ग्रिड प्रणाली भी पूरी तरह सक्रिय है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “हम कचरा-मुक्त यात्रा के लिए प्रतिबद्ध हैं। शहरी और ग्रामीण विकास विभाग अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को हर मोर्चे पर सुविधा मिल सके।”
हेली सेवा अस्थायी रूप से बंद, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरिइस बार यात्रा को लेकर सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। LG सिन्हा ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस की अधिक तैनाती की गई है। हेली सेवा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है क्योंकि हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को किसी भी तरह की चुनौती से बचाना बेहद ज़रूरी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हेली सेवा का असर यात्रा पर न्यूनतम रहेगा क्योंकि सिर्फ 8% यात्री ही इसका उपयोग करते हैं। सभी घोड़ा-खच्चर सेवाओं और यात्रियों का इंश्योरेंस भी कराया गया है।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने को तैयार हैं विशेष टीमेंप्राकृतिक घटनाओं को देखते हुए LG सिन्हा ने कहा कि विशेष टीमों की तैनाती की गई है जो हर स्थिति में तत्पर रहेंगी। मौसम की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए यात्री आवास व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है।