
अगर आप भी सड़क पर एंबुलेंस का सायरन सुनकर अनदेखा कर देते हैं और बार-बार हॉर्न बजाने पर भी रास्ता नहीं देते, तो सावधान हो जाइए। ऐसा करना महंगा पड़ सकता है। हिमाचल प्रदेश के लाहुल स्पिति जिले में टैंपो ट्रैवलर और फॉर्च्यूनर गाड़ी के चालकों को एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 66,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है। मामला गुरुवार रात का है, जब एक गंभीर मरीज को लेकर एंबुलेंस काजा से रिकांगपिओ जा रही थी। मरीज को जल्दी से अस्पताल पहुंचाना जरूरी था, इसलिए एंबुलेंस का ड्राइवर लगातार हॉर्न बजाकर रास्ता मांग रहा था, लेकिन नशे में धुत टूरिस्ट ने रास्ता नहीं दिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों टूरिस्टों के खिलाफ कार्रवाई की है।
एंबुलेंस का सायरन सुनते ही सावधानी बरतें!लाहुल स्पिति में टैंपो ट्रैवलर और फॉर्च्यूनर चालक के बीच रास्ता देने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें वे एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं दे पाए। इस दौरान एंबुलेंस में मौजूद मरीज की जान पर बन आई। पुलिस ने दोनों वाहनों का नंबर पता कर 66,000 रुपये का चालान काटा है। यदि आप भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं तो भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। आजकल सीसीटीवी कैमरों की मदद से दोषियों की पहचान करना आसान हो गया है। नियमों के अनुसार, एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
मोटर वाहन अधिनियम का सेक्शन 196E क्या कहता है?भारत के मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हाल ही में संशोधन कर सेक्शन 196E जोड़ा गया है, जो विशेष रूप से बिना बीमा वाले वाहनों के संचालन से संबंधित है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई बिना बीमा वाले वाहन को चलाता है या उसकी अनुमति देता है, तो उसे 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
लाइसेंस रद्द होने का खतरा भी रहता हैसेक्शन 196E का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करना है। चालान के अलावा, दोषी का ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित या रद्द किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में भी पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है।