
विश्वास कुमार रमेश अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अकेले जिंदा बचे शख्स हैं, जो इस भयावह त्रासदी के बाद भी चमत्कारिक रूप से मौत को मात देकर बाहर निकल पाए। 242 लोगों की लाश के ढेर से जिंदा निकलकर भागे विश्वास रमेश की किस्मत और हिम्मत की बात पूरे देश में हो रही है। लेकिन इस चमत्कार के बावजूद विश्वास बेहद गमगीन और दुखी हैं, क्योंकि वह खुद तो बच गए लेकिन उनके सगे भाई इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए।
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद से उड़ान भरते ही कुछ ही मिनटों बाद एक इमारत से टकराकर क्रैश हो गया। इस खौफनाक हादसे में विश्वास को छोड़कर सभी यात्रियों, क्रू मेंबर्स और हादसे वाली जगह पर मौजूद लोगों समेत कुल 265 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
40 साल के विश्वास कुमार रमेश भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, जो अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए भारत आए थे। इस भावनात्मक यात्रा में उनके बड़े भाई अजय कुमार भी साथ थे। दोनों भाई एक साथ ही इस विमान में सवार हुए थे और कई भावनाएं व सपने लेकर लौट रहे थे। विश्वास की सीट 11A थी, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, लेकिन उनके भाई को अन्य कतार में सीट दी गई थी, जिससे वे एक-दूसरे से थोड़े दूर बैठे थे।
हादसे के बाद विश्वास किसी तरह बचकर मलबे से निकलने में कामयाब रहे, लेकिन उनके भाई की जान नहीं बच पाई। हादसे के तुरंत बाद विश्वास ने घबराए हुए भाव में अपने पिता को वीडियो कॉल करके बताया कि प्लेन क्रैश हो गया है, वह किसी तरह बच गए हैं, लेकिन भाई नजर नहीं आ रहे। बाद में गुजरात पुलिस की ओर से पुष्टि की गई कि सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया है।
विश्वास कुमार ने घटना का जिक्र करते हुए बताया, 'टेक ऑफ के महज 30 सेकेंड बाद ही एक जोरदार धमाका हुआ और प्लेन अचानक नीचे गिर पड़ा। सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। मुझे खुद अब तक विश्वास नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया। कुछ पल के लिए मुझे भी लगा कि शायद मेरी मौत हो गई है। लेकिन जब आंख खुली तो देखा कि मैं अब भी जिंदा हूं। वहां थोड़ी सी खुली जगह थी और उसी से निकलकर मैं बाहर भाग पाया। मेरे सामने ही लोग तड़पते और मरते नजर आए।'
अपने पास अब भी एयर इंडिया की फ्लाइट का बोर्डिंग पास संभालकर रखे विश्वास ने 'एचटी' से बातचीत में कहा, 'जब मैं खड़ा हुआ, तब चारों तरफ सिर्फ लाशें थीं। मैं अंदर तक हिल गया था। मैं किसी तरह भागा और एयरक्राफ्ट के मलबे से बाहर निकला। हर तरफ विमान के टुकड़े और आग के गोले थे। तभी किसी ने मुझे संभाला और एंबुलेंस में डाल दिया, जिससे मुझे अस्पताल लाया गया।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंचकर विश्वास से मुलाकात की और हादसे की पूरी जानकारी ली। उन्होंने विश्वास को ढांढस बंधाया और उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।
अपने भाई को खोने के गहरे दुख में डूबे विश्वास ने कहा, 'वह मेरे साथ ही इस यात्रा पर थे, लेकिन अब वह मुझे कहीं नजर नहीं आ रहे...।' विश्वास पिछले 20 वर्षों से अपने परिवार के साथ लंदन में रह रहे हैं। उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे भी वहीं हैं, जो इस समय उनके सकुशल लौटने की दुआ कर रहे हैं।
क्रैश के तुरंत बाद सामने आए कुछ वीडियो में विश्वास घायल अवस्था में चलते और मदद मांगते नजर आए थे। उनके सीने, आंख और पैरों पर चोट के निशान हैं। फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत अब स्थिर है और वह बातचीत कर पा रहे हैं। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने इस भयावह हादसे की पूरी कहानी साझा की।