अहमदाबाद प्लेन क्रैश में चमत्कार: विमान के लोहे तक गल गए, लेकिन भगवद गीता सुरक्षित, लोगों में जागी आस्था; Video

अहमदाबाद में 12 जून की दोपहर एयर इंडिया के विमान के भीषण क्रैश की दर्दनाक घटना के बाद राहत और बचाव कार्य यानी रेस्क्यू ऑपरेशन अब लगभग समाप्ति की ओर है। इस हृदयविदारक हादसे में कुल 241 लोगों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जैसे प्रमुख नेता भी शामिल थे। इस भयावह विमान हादसे में सिर्फ एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बच पाए हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था कि धमाके और दुर्घटना के बाद उठी आग की विकराल लपटों ने विमान के मलबे से लेकर आसपास मौजूद वस्तुओं तक को पूरी तरह से जला डाला। धातु के पुर्जे, सीटें और इलेक्ट्रॉनिक सामान तक झुलस चुके थे। हालांकि इस भयानक हादसे के दौरान बचाव दल को मलबे के बीच से एक भगवद गीता मिली, जो पूरी तरह सुरक्षित अवस्था में थी।

संभवत: कोई श्रद्धालु या यात्री इस पवित्र हिंदू ग्रंथ को अपने साथ लेकर अहमदाबाद से लंदन की यात्रा कर रहा था। जहां अन्य सामान और दस्तावेज जलकर खाक हो चुके थे, वहां भगवद गीता का अक्षत और पढ़ने योग्य स्थिति में मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा। घटनास्थल पर मौजूद लोग इसे न केवल एक आध्यात्मिक संकेत मान रहे हैं, बल्कि इसे ईश्वर की कृपा और आस्था की जीत भी कह रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति मलबे के ढेर में भगवद गीता के पन्नों को दिखाते हुए नजर आ रहा है। जल चुके एयरक्राफ्ट के अवशेषों और टूटे हुए लोहे के हिस्सों के बीच इस ग्रंथ का सुरक्षित पाया जाना एक असामान्य घटना है, जिसने न केवल रेस्क्यू टीम को भावुक कर दिया बल्कि करोड़ों भारतीयों के मन में श्रद्धा की लौ और प्रबल कर दी।

इसी बीच लंदन स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर में लगभग 100 लोग एकत्र हुए और उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की। पूज्य योगविवेकदास स्वामी ने भावपूर्ण शब्दों में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी दुखद घड़ी में प्रार्थना और आध्यात्मिक एकजुटता ही सबसे बड़ा सहारा बनती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय केवल दुख प्रकट करने का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और मानवीय संवेदना व्यक्त करने का है।

आपको यह भी बता दें कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए टेकऑफ कर रही थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे—230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य। इस भयावह टक्कर में 241 लोगों की जान चली गई, केवल एक यात्री, रमेश विश्वाशकुमार, जिनकी सीट संख्या 11A थी और जो इमरजेंसी एक्जिट के पास बैठे थे, वे समय रहते विमान से कूदने में सफल हुए और अपनी जान बचा सके।

यह हादसा न केवल भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक बन गया है, बल्कि भगवद गीता की सुरक्षित अवस्था में बरामदगी इसे एक आध्यात्मिक चमत्कार की श्रेणी में भी रखती है।