
नई दिल्ली। भारत के सर्वोच्च न्यायालय को तीन नए न्यायाधीश मिले हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकार करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीशों एनवी अंजारिया, विजय बिश्नोई और एएस चंदुरकर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बात की पुष्टि की।
कॉलेजियम ने इन तीनों नामों की सिफारिश हाल ही में की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान द्वारा प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद इन तीनों जजों को नियुक्त किया। यह नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के तीन खाली पदों को भरने के लिए की गई हैं, जो हाल ही में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, अभय एस ओका और ऋषिकेश रॉय के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुए थे।
न्यायमूर्ति एनवी अंजारियाएनवी अंजारिया ने 1988 में वरिष्ठ अधिवक्ता एसएन शेलत के अधीन गुजरात हाई कोर्ट से अपनी वकालत की शुरुआत की थी। उनका अनुभव संवैधानिक, श्रम, सेवा और नागरिक मामलों में है। 2011 में वे गुजरात हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 2013 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पुष्टि हुई। 2024 में उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था।
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोईविजय बिश्नोई ने 1989 में वकालत शुरू की और राजस्थान उच्च न्यायालय में लंबा अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने कई संवैधानिक और सेवा मामलों की पैरवी की और केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से पेश हुए। 2013 में उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में स्थायी पद मिला। 2024 में वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकरअतुल चंदुरकर ने 1988 में अधिवक्ता के रूप में करियर शुरू किया और मुंबई में प्रशिक्षण के बाद 1992 में नागपुर स्थानांतरित हो गए। उन्होंने विभिन्न अदालतों में केस लड़े और 2013 में बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
इन तीनों नियुक्तियों के साथ सुप्रीम कोर्ट को अनुभवी न्यायविदों की नई ताकत मिली है, जो देश की न्यायिक व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने में योगदान देंगे।