
भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर के लिए सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार संपर्क साधा था। पहली बार यह संपर्क 7 मई की शाम हुआ, जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत को औपचारिक संदेश भेजा। उस दिन भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
इसके बाद 10 मई को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर पर बातचीत हुई, जिसमें युद्धविराम यानी सीजफायर पर सहमति बनी। यह बातचीत सैन्य संचार माध्यमों से हुई और इसका उद्देश्य सीमा पर बढ़ते तनाव को कम करना था। इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी पुष्टि की थी कि पाकिस्तान ने वार्ता की पहल की थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में मरने वालों की संख्या 160 तक पहुंच गई है। इनमें बहावलपुर में हुए हमले में मारे गए 20 से अधिक लोग भी शामिल हैं, जिनमें से कई आतंकी मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। भारत की इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान सेना को भी गंभीर नुकसान हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के करीब 40 जवान मारे गए हैं, हालांकि पाकिस्तान ने केवल 11 की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है।
10 मई की जवाबी कार्रवाई में भारत ने कई अहम ठिकानों को निशाना बनाया। लाहौर एयरपोर्ट पर दो लोगों की जान गई, सरगोधा में दो और रावलपिंडी में चार लोग मारे गए। रहिमयार खान में पांच लोग घायल हुए, जबकि सियालकोट में पाक सेना के 11 जवानों की मौत की खबर है।
इस अचानक हुए सीजफायर के ऐलान ने कई सवाल खड़े किए हैं, खासतौर पर तब जब भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी नेटवर्क पर भारी चोट पड़ी है। अब यह साफ होता जा रहा है कि पाकिस्तान ने बढ़ते दबाव के चलते भारत से दो बार युद्धविराम के लिए संपर्क किया था।