मोदी नए–नए जुमले ला रहे हैं, 'रगों में खून नहीं सिंदूर...' वाले बयान पर अशोक गहलोत का तीखा तंज

दिल्ली में कांग्रेस द्वारा आयोजित जय हिन्द सभा में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी के उस चर्चित बयान पर तंज कसा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में मोदी ने कहा था कि उनकी रगों में खून नहीं, सिंदूर दौड़ता है।

गहलोत ने कहा, “मोदी अब नए–नए जुमले लेकर आ रहे हैं। बीकानेर में उन्होंने कहा कि उनके शरीर में खून की जगह सिंदूर दौड़ रहा है। भला, खून की जगह सिंदूर कैसे दौड़ सकता है? क्या कोई इंसान ऐसे में जिंदा रह सकता है?” उन्होंने आगे कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि मोदी की बातों और उनके कामों में बड़ा फर्क है।

सीजफायर के फैसले पर लोगों में गुस्सा: गहलोत

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के फैसले को लेकर भी अशोक गहलोत ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सीजफायर से जनता में गुस्सा है। क्या पाकिस्तान ने यह भरोसा दिया है कि अब वह कोई आतंकी हमला नहीं करेगा? पहलगाम में जो चार आतंकी शामिल थे, उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही। क्या वे मारे गए या पाकिस्तान उन्हें सौंपेगा?”

कांग्रेस की जय हिन्द सभा का उद्देश्य

पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में कांग्रेस देशभर में जय हिन्द सभाओं का आयोजन कर रही है। इस पहल के ज़रिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी भारतीय सेना के साथ खड़ी है। इसके साथ ही, कांग्रेस मोदी सरकार के अचानक किए गए सीजफायर के फैसले पर भी सवाल उठा रही है।

चीन से गले मिलने का नतीजा भुगतना पड़ा: गहलोत

दिल्ली में आयोजित जय हिन्द सभा में गहलोत ने यह भी कहा, “पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद किसी भी देश ने भारत का समर्थन नहीं किया। उल्टा पाकिस्तान के साथ तुर्की और अज़रबैजान जैसे देश खड़े दिखे। राहुल गांधी ने पहले ही पीएम मोदी को आगाह किया था कि चीन के राष्ट्रपति से गले मिलना भारी पड़ेगा, और अब वही हुआ।”

ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर भी नाराजगी

अशोक गहलोत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की बात कही थी। गहलोत ने कहा, “ट्रंप की इस तरह की बयानबाजी खतरनाक है। प्रधानमंत्री मोदी को बिना देरी किए इसका सार्वजनिक रूप से खंडन करना चाहिए, भले ही उसका नतीजा कुछ भी हो।”