
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने एक बड़ी मुठभेड़ में 45 लाख रुपये के इनामी नक्सली नेता भास्कर राव उर्फ मैलारापु अडेलु को मार गिराया। बीजापुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि भास्कर राव की पहचान मंडुगुला भास्कर राव के रूप में भी हुई है, जो एक कुख्यात माओवादी नेता था। बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने जानकारी दी कि मुठभेड़ स्थल से भास्कर राव का शव, एक AK-47 राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की संभावित मौजूदगी को देखते हुए सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
तेलंगाना का था रहने वाला, दो राज्यों में इनामीआईजी सुंदरराज ने बताया कि भास्कर राव तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के उरुमदला गांव का निवासी था। उस पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 25 लाख रुपये और तेलंगाना सरकार की ओर से 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह सीपीआई (माओवादी) की तेलंगाना राज्य समिति के मंचेरियल-कोमारंभीम (एमकेबी) डिवीजन का सेक्रेटरी और स्पेशल जोनल कमेटी (एसजेडसी) का सदस्य था।
सुधाकर की मौत के ठीक एक दिन बाद मिली बड़ी सफलताइससे एक दिन पहले 4 जून को इसी जंगल में सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य सुधाकर उर्फ गौतम का शव बरामद किया गया था। उसके पास से भी एक AK-47 राइफल मिली थी। यह माओवादी नेतृत्व के लिए एक और बड़ा झटका साबित हुआ है।
तीन हफ्तों में तीसरी बड़ी कार्रवाईइस वर्ष के 21 मई को भी एक और बड़े ऑपरेशन में अबूझमाड़ (नारायणपुर) क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसव राजू को ढेर कर दिया था। वह संगठन का पोलित ब्यूरो सदस्य था और उसके साथ 26 अन्य नक्सली भी मारे गए थे। बसव राजू को नक्सल आंदोलन की रीढ़ कहा जाता था।
बीजापुर ऑपरेशन: हथियारों का बड़ा जखीरा बरामदआईजी ने बताया कि बीजापुर नेशनल पार्क क्षेत्र में सीनियर माओवादी कैडर और पीएलजी कैडर की मौजूदगी की सूचना मिलने पर एसटीएफ, डीआरजी और कोबरा यूनिट की संयुक्त टीमों को भेजा गया। ऑपरेशन के दौरान दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई, जिसके बाद तलाशी अभियान में मारे गए माओवादी का शव, एके-47 राइफल, भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।
ऑपरेशन में शामिल सुरक्षा बल
इस संयुक्त अभियान में शामिल थे: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)
डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी)
कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा)
छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ लगातार जारी इन अभियानों के चलते नक्सल संगठन को एक के बाद एक गहरे झटके लग रहे हैं। इस ताजा सफलता ने नक्सल विरोधी ऑपरेशनों को नई गति और मनोबल दिया है।