
बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ सामने आया है। राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी 'जन सुराज' को चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 'स्कूल बैग' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। पार्टी ने इस प्रतीक को शिक्षा और प्रगति का प्रतीक बताया है, और ऐलान किया है कि वह राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
‘स्कूल बैग’ से जुड़े जन सुराज के सपनेचुनाव आयोग के इस फैसले से जन सुराज पार्टी को चुनावी पहचान मिली है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि 'स्कूल बैग' प्रतीक न सिर्फ शिक्षा की आवश्यकता बल्कि नए भविष्य और उम्मीदों का प्रतिनिधित्व करता है। यह पार्टी की उस मूल विचारधारा से जुड़ा है जिसमें शिक्षा, रोजगार और प्रशासनिक सुधार को प्राथमिकता दी गई है।
जन सुराज के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह और सूत्रधार प्रशांत किशोर ने इसे पार्टी के लिए सकारात्मक मोड़ बताया है। उन्होंने दावा किया कि यह प्रतीक जनता से पार्टी को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
बिहार की सभी सीटों पर उतरेंगे उम्मीदवार
जन सुराज पार्टी का यह भी ऐलान है कि वह किसी गठबंधन में शामिल नहीं होगी और सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। प्रशांत किशोर को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है। उनका दावा है कि बिहार में जनता अब पारंपरिक दलों से ऊब चुकी है और बदलाव चाहती है।
पार्टी अध्यक्ष पप्पू सिंह ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर इस समय बिहार के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, जो पारंपरिक राजनीति से हटकर व्यावहारिक समाधान की बात करते हैं।
नीतीश और तेजस्वी पर सीधा हमलाप्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दोनों पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में दशकों से चल रहे सत्ता के खेल से अब जनता थक चुकी है। उनकी पार्टी खुद को एक वैकल्पिक ताकत के रूप में पेश कर रही है जो जाति और वंशवाद की राजनीति से अलग है।
प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे ना तो एनडीए का हिस्सा हैं और ना ही किसी महागठबंधन का। वे अपनी पार्टी की नीति, कार्यशैली और लक्ष्य के बल पर जनता से सीधा जुड़ाव चाहते हैं।
अन्य दलों को भी मिले चुनाव चिह्नचुनाव आयोग ने जन सुराज के साथ-साथ कई अन्य दलों को भी चुनाव चिह्न आवंटित किए हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों में मान्य रहेंगे। इनमें शामिल हैं:
—भारतीय सार्थक पार्टी – कैंची
—लोहिया जनता दल – बाल्टी
—राष्ट्रीय लोक मोर्चा – गैस सिलेंडर
—जन सहमति पार्टी – लेडी पर्स
—विकासशील इंसान पार्टी (VIP) – नाविक के साथ नाव
—भारतीय जनता समाजसेवी पार्टी – बांसुरी
—राष्ट्रीय समाजवादी लोक अधिकार पार्टी – अंगूठी
इन सभी प्रतीकों के साथ अब बिहार की सियासत में रंग और अधिक गहराते नजर आएंगे।
बिहार की राजनीति में बढ़ रही सरगर्मीबिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी प्रमुख पार्टियों ने चुनावी अभियान की तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है। जन सुराज जैसी नई पार्टियों के मैदान में आने से मुकाबला पहले से अधिक रोचक और बहुकोणीय हो गया है।
प्रशांत किशोर की छवि एक तेजतर्रार रणनीतिकार की रही है, और अब राजनीति में उनके उतरने से यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किसे अपना नेतृत्व सौंपती है।
‘स्कूल बैग’ चुनाव चिह्न के साथ जन सुराज पार्टी ने अपने अभियान को नया आयाम दे दिया है। शिक्षा, सुशासन और रोजगार के वादों के साथ पार्टी खुद को एक नई राजनीतिक सोच के रूप में पेश कर रही है। बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक ताजा हवा के झोंके की तरह है, जो पारंपरिक दलों को चुनौती देने की पूरी तैयारी में है।