बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कानून-व्यवस्था सुधारने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ रहे हैं। गृह मंत्री बनने के बाद से सम्राट चौधरी लगातार सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और पुलिस प्रणाली को डिजिटल व जनहितकारी बनाने पर खास जोर दे रहे हैं। इसी प्रयास के तहत शनिवार (6 दिसंबर) को पुलिस मुख्यालय में बिहार पुलिस की एक बड़ी डिजिटल पहल—सिटीजन सर्विस पोर्टल—की शुरुआत की गई, जिसका उद्घाटन स्वयं डिप्टी सीएम व गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने किया।
सम्राट चौधरी ने लॉन्च के दौरान स्पष्ट कहा कि सरकार की मंशा है कि पुलिस से जुड़ी हर सुविधा लोगों तक बिना किसी झंझट और बिना थाने के चक्कर लगाए पहुंचे। उन्होंने साफ चेतावनी भी दी कि अब थानों में मनमानी नहीं चलेगी और हर प्रक्रिया को डिजिटल व्यवस्था के दायरे में लाया जाएगा। उनका कहना था कि सत्यापन हो, शिकायत दर्ज कराना हो या खोया-पाया—अब नागरिक घर से ही सबकुछ ऑनलाइन कर सकेंगे।
कई जरूरी सेवाएं अब एक क्लिक पर उपलब्धअधिकारियों के मुताबिक नया पोर्टल जनता को कई महत्वपूर्ण ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इसमें शामिल हैं—
- पुलिस वेरिफिकेशन
- ई-शिकायत
- दस्तावेज या सामान खोने की सूचना
ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की सुविधा (प्रारंभिक जांच के बाद)जैसे ही कोई शिकायत पोर्टल पर दर्ज होगी, वह सीधे संबंधित थाने को भेज दी जाएगी। थाने की टीम द्वारा शुरुआती जांच पूरी होने पर मामला सही पाए जाने पर एफआईआर ऑनलाइन रजिस्टर हो सकेगी। इससे पूरी प्रक्रिया पहले से अधिक सरल और तेज़ हो जाएगी।
रियल-टाइम अपडेट से बढ़ेगी पारदर्शिताइस पोर्टल की सबसे अहम विशेषता है—रियल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग। शिकायत दर्ज कराने वाला व्यक्ति हर चरण की प्रगति ऑनलाइन देख सकेगा। इससे आम लोगों को न थाना जाने की जरूरत पड़ेगी, न कई बार जानकारी के लिए इधर-उधर भागना पड़ेगा। समय और पैसों की बचत के साथ पुलिस की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
उद्घाटन कार्यक्रम में बिहार के डीजीपी विनय कुमार, एडीजी कुंदन कृष्णन सहित पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही। अधिकारियों ने इस पोर्टल को आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में एक मजबूत और बेहद जरूरी पहल बताया।
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में जुटे गृह मंत्रीगृह मंत्री सम्राट चौधरी हाल के दिनों में सुरक्षा तंत्र को बेहतर बनाने के लिए लगातार विभागीय बैठकों और समीक्षा सत्रों में व्यस्त हैं। वे लगातार CID, STF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। 5 दिसंबर की विशेष बैठक में भी उन्होंने त्वरित एक्शन, पारदर्शिता और विभागों के बीच सुचारू समन्वय पर खास बल दिया था।
सरकार की योजना है कि आगे चलकर इस पोर्टल में और भी नई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की पुलिस सेवा प्राप्त करने के लिए थाने जाने की आवश्यकता न पड़े। उम्मीद है कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से न केवल जनता को राहत मिलेगी बल्कि बिहार की पुलिस व्यवस्था भी और अधिक सक्षम, आधुनिक और जवाबदेह बन सकेगी।