
नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) अब पूरी ताकत के साथ एंट्री करने जा रही है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। 17 जून से पटना के गर्दनीबाग में राज्यसभा सांसद संजय सिंह की हुंकार रैली के साथ AAP अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेगी।
बिहार में तीसरे विकल्प के तौर पर उतर रही है AAPपार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार ने पुष्टि की है कि आम आदमी पार्टी बीते एक दशक से राज्य में संगठन खड़ा करने में जुटी थी और अब वक्त आ गया है कि वह खुद को जनता के सामने मजबूत तीसरे विकल्प के रूप में पेश करे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह यहां भी जनता जनहित की नीतियों को पसंद करेगी।
दिल्ली में पूर्वांचल वोटर्स का रहा AAP के साथ समर्थनदिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP भले ही बहुमत से दूर रही और उसे केवल 22 सीटें मिलीं, लेकिन पूर्वांचल की सीटों पर उसका प्रदर्शन फिर भी बेहतर रहा। विशेष रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए मतदाताओं का AAP के प्रति समर्थन बना रहा। पार्टी इसी सामाजिक आधार को बिहार में भी भुनाने की रणनीति बना रही है।
दिल्ली मॉडल की झलक बिहार में भीबिहार प्रभारी अजय यादव और प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने अपने चुनावी एजेंडे की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसमें दिल्ली मॉडल के तहत बिजली-पानी मुफ्त जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है। राकेश कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की तर्ज पर बिहार में भी जनहितकारी योजनाएं लागू करने का वादा करेगी।
केजरीवाल भी करेंगे प्रचारचुनाव नजदीक आते ही पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल भी बिहार पहुंचेंगे और चुनावी सभाएं करेंगे। इसके अलावा अन्य वरिष्ठ नेता भी राज्य का दौरा करेंगे। पार्टी का मानना है कि दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों के तोड़े जाने के मुद्दे पर भी बिहार के लोगों में नाराजगी है, जिसे लेकर पार्टी बड़ा जन आंदोलन छेड़ सकती है।
प्रत्याशियों की सूची जल्दराकेश कुमार के मुताबिक, सभी 243 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग अंतिम दौर में है और जल्द ही पार्टी सभी नामों की घोषणा करेगी। पार्टी का दावा है कि बिहार के हर जिले में उसका सक्रिय संगठन है और कार्यकर्ता लंबे समय से जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी एक बड़ी सियासी चुनौती देने की तैयारी में है। जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच पारंपरिक मुकाबला रहता आया है, वहीं AAP की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। अब देखना होगा कि दिल्ली की सफलता का फॉर्मूला बिहार में कितना असर दिखाता है।