साहा फिर मैदान पर नहीं उतरे, बल्लेबाजी कोच राठौड़ ने कही यह बात, रंगभेद के शिकार हुए हैं शिवरामाकृष्णन

न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में खेले जा रहे पहले टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन विकेटकीपर रिद्धिमान साहा गर्दन में अकड़न के कारण मैदान पर नहीं उतरे। उनकी जगह केएस भरत एक बार फिर से विकेटकीपर की भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार का खेल शुरू होने से ठीक पहले ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बीसीसीई ने बताया, “रविवार को दूसरी पारी में विकेटकीपिंग करते हुए साहा को गर्दन में अकड़न महसूस हुई। विकेटकीपिंग के दौरान यह उनके मूवमेंट को प्रभावित कर रहा था। उनकी गैरमौजूदगी में केएस भरत पांचवें दिन विकेटकीपर की भूमिका निभाएंगे।”

इसी परेशानी के कारण ही साहा ने तीसरे दिन भी पहली पारी में विकेटकीपिंग नहीं की थी और तब भी भरत ने यह जिम्मेदारी निभाई। भरत ने एक स्टंप और दो कैच कर सबका दिल जीत लिया था। हालांकि चौथे दिन साहा दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरे और दर्द के बावजूद नाबाद 61 रन की बेमिसाल पारी खेली। इसके साथ ही साहा टेस्ट में भारत के लिए अर्धशतक जड़ने वाले सबसे उम्रदराज विकेटकीपर बन गए हैं। उन्होंने 37 साल 35 दिन की उम्र में करियर का छठा अर्धशतक जमाया। उन्होंने पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर का रिकॉर्ड तोड़ा। इंजीनियर ने साल 1974 में 36 साल 307 दिन की उम्र में फिफ्टी उड़ाई थी।

साहा को पंत का विकल्प बनकर ही रहना होगा : राठौड़

साहा ने भले ही शानदार अर्धशतक लगाया, लेकिन उन्हें नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत का विकल्प ही बनकर रहना होगा। यह बात टीम इंडिया के बल्लेबाज कोच विक्रम राठौड़ ने कही। राठौड़ ने कहा कि साहा आदर्श टीम खिलाड़ी हैं जिन पर हमेशा मुश्किल काम के लिए निर्भर किया जा सकता है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें भारत के नंबर एक विकेटकीपर ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में ही यह भूमिका निभानी होगी। उल्लेखनीय है कि साहा डेब्यू के बाद पहले पांच वर्ष महेंद्र सिंह धोनी के लिए स्थानापन्न बनने में चले गए और अब वे 24 वर्षीय पंत के बैक-अप हैं।

राठौड़ ने कहा कि साहा टीम के लिए मुश्किल चीजें करेंगे और उस समय टीम जिस स्थिति में थी, उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण पारी खेली। हम हमेशा उनसे इसकी ही उम्मीद करते हैं। वे हमेशा ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन पर हम भरोसा कर सकते हैं और दूसरी पारी में उन्होंने दिखा दिया कि ऐसा क्यों है। जहां तक साहा का सवाल है तो दुर्भाग्य से हमारे पास बहुत ही विशेष खिलाड़ी पंत है जो हमारे लिए नंबर एक विकेटकीपर है और उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में हमारे लिए शानदार प्रदर्शन किया है। साहा की भूमिका यही है कि जब पंत उपलब्ध नहीं होंगे, तभी हमें उनकी जरूरत होगी।


शिवारामकृष्णन से पहले ये दो भारतीय भी कर चुके हैं शिकायत

पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण रामकृष्णन ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने जीवनभर 'रंग के कारण भेदभाव' का सामना किया है, जो उनके अपने देश में भी किया गया। 9 टेस्ट व 16 वनडे खेले शिवरामकृष्णन ने इंग्लैंड क्रिकेट को सुर्खियों में लाने वाले नस्लवाद प्रकरण के संदर्भ में अपने अनुभव बताए। तमिलनाडु के शिवरामकृष्णन ने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने अपनी पूरी जिंदगी रंग के कारण भेदभाव और आलोचना का सामना किया है, इसलिए यह मुझे अब परेशान नहीं करता। दुर्भाग्य से यह मेरे अपने देश में हुआ।' शिवा उस ट्विटर पोस्ट पर रिएक्शन दे रहे थे जिसमें कमेंटेटर्स पर ऑनलाइन ट्रोलिंग का संकेत दिया गया था।

तमिलनाडु के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने भी 2017 में सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था। वे सात टेस्ट खेल चुके हैं। उन्होंने लिखा था, 'मैं 15 साल की उम्र से देश के अंदर और बाहर यात्रा करता रहा हूं। जब से मैं युवा था, तब से ही लोगों की मेरी त्वचा के रंग के प्रति सनक मेरे लिए हमेशा रहस्य बनी रही है। मैं चेन्नई से हूं जो देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक है।' पिछले साल पूर्व भारतीय और कर्नाटक के तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने भी नस्लीय भेदभाव के अनुभव के बारे में बताया था। उल्लेखनीय है कि रंगभेद की शिकायत करने वाले ये क्रिकेटर दक्षिण भारतीय हैं।