
एफआईएच प्रो लीग के यूरोपीय चरण में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अर्जेंटीना के खिलाफ गुरुवार को खेले गए मुकाबले में भारत को आखिरी मिनटों में मिली पेनल्टी स्ट्रोक पर भी गोल करने का मौका मिला, लेकिन वो भी विवाद और नाकामी की भेंट चढ़ गया। इससे टीम को लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ा।
मैच का विवरणभारत ने मैच की शुरुआत तेज की थी और चौथे मिनट में ही ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागकर बढ़त दिलाई। लेकिन अर्जेंटीना की ओर से टॉमस डोमेने ने नौवें और 49वें मिनट में दो गोल करके मुकाबले का रुख पलट दिया। स्कोर 1-2 हो गया और भारत को अंतिम दो मिनटों में बराबरी का मौका मिला।
भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे जुगराज ने गोल में बदल दिया, लेकिन अर्जेंटीना की ओर से वीडियो रेफरल मांगा गया। दलील दी गई कि स्ट्रोक के वक्त जुगराज का बायां पैर काफी आगे था। वीडियो अंपायर ने गोल को रद्द कर दिया।
दोबारा मिला मौका, फिर भी नहीं बदली किस्मतभारतीय कप्तान हार्दिक सिंह ने पलटवार करते हुए अंपायर से यह जांच करवाने की मांग की कि क्या अर्जेंटीना के गोलकीपर टॉमस सैंटियागो गोल लाइन से पहले आगे बढ़े थे। इस बार भारत को दोबारा स्ट्रोक लेने की अनुमति मिल गई, लेकिन इस बार सैंटियागो ने जुगराज के शॉट को रोक दिया और भारत के हाथ से बराबरी का मौका छिन गया।
कप्तान हरमनप्रीत की गैरहाज़िरी में हार्दिक की अगुआईहरमनप्रीत सिंह की उंगली में चोट के चलते वे इस मुकाबले में नहीं खेल पाए, इसलिए हार्दिक सिंह को टीम की कमान सौंपी गई। उन्होंने मौके पर साहसिक फैसले लिए, लेकिन अंतिम समय की विफलता टीम के लिए भारी पड़ी।
लगातार चौथी हार, अब ऑस्ट्रेलिया से मुकाबलाभारत को इससे पहले अर्जेंटीना से ही एक दिन पहले 3-4 से हार मिली थी। इससे पहले नीदरलैंड के खिलाफ दो करीबी मुकाबलों में भी भारत को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। यह इस यूरोपीय चरण का चौथा और अंतिम मैच था। अब भारतीय टीम शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेल्जियम के एंटवर्प में अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद के साथ उतरेगी।
लगातार हारों और निर्णायक क्षणों में मौके चूकने से भारतीय हॉकी टीम की आत्मविश्वास पर असर साफ देखा जा सकता है। अब अगला मैच उनके लिए न केवल अंक तालिका में वापसी का मौका है, बल्कि मानसिक मजबूती दिखाने की भी चुनौती होगी।