न्यूजीलैंड के हाथों विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में मिली हार किसी भारतीय को नहीं पच रही। हार से आहत भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम में बदलाव के संकेत दिए हैं। मैच के बाद कोहली ने कहा कि समीक्षा के बाद सही लोगों को लाया जाएगा जो अच्छे प्रदर्शन के लिए सही मानसिकता के साथ उतरें। कुछ खिलाड़ी रन बनाने का जज्बा ही नहीं दिखा रहे हैं।
हम आत्ममंथन करते रहेंगे और इस पर बात होती रहेगी कि टीम को मजबूत बनाने के लिए क्या करना चाहिए। एक ही ढर्रे पर नहीं चलेंगे। हम एक साल तक प्रतीक्षा नहीं करेंगे। आप हमारी लिमिटेड ओवर्स की टीम देखें तो हमारे पास गहराई है और खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी इसकी जरूरत है। हमें समीक्षा करके योजना बनानी होगी कि टीम के लिए क्या असरदार है और हम कैसे बेखौफ खेल सकते हैं।
कोहली ने अपने बल्लेबाजों को दी यह सलाह
कोहली ने कहा कि
हमें इस पर काम करना होगा कि रन कैसे बनाए जाएं। हमें मैच को हाथ से निकलने
नहीं देना है। मुझे नहीं लगता कि कोई तकनीकी परेशानी है। यह जागरूकता की
और गेंदबाजों का निडर होकर सामना करने की बात है। गेंदबाजों को लंबे समय तक
एक ही जगह गेंदबाजी के मौके नहीं देने हैं बशर्ते गेंद जबर्दस्त स्विंग
नहीं ले रही हो जैसा पहले दिन हुआ था। फोकस रन बनाने पर होना चाहिए, विकेट
गंवाने की चिंता पर नहीं।
की बेस्ट ऑफ थ्री की वकालत, शास्त्री भी कर चुके हैं समर्थन
कोहली
ने कहा कि हम मैच के नतीजे को लेकर ज्यादा नहीं सोच रहे क्योंकि एक मैच से
सर्वश्रेष्ठ टीम का फैसला नहीं होना चाहिए। इसके लिए तो बेस्ट ऑफ थ्री
यानी 3 टेस्ट की सीरीज होनी चाहिए थी। इसमें जो टीम बाजी मारती, वही असल
में टेस्ट की बेस्ट टीम होती। मैं एक मैच से दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट
टीम का फैसला करने के लिए पूरी तरह से सहमत नहीं हूं। अच्छी टीम कौन है,
इसका फैसला 2 दिन बने दबाव से नहीं हो सकता।
उल्लेखनीय है कि कोच
रवि शास्त्री भी बेस्ट ऑफ थ्री की बात कह चुके हैं। कोहली ने कहा कि मुझे
लगता है कि भविष्य में जिम्मेदारों को इस पर भी गौर करना चाहिए। क्योंकि 3
टेस्ट की सीरीज में दोनों टीमों को गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है।
हमेशा हालात बदलते रहते हैं। कभी एक टीम का पलड़ा भारी होता है, तो कभी
दूसरी का। इसके बाद ही सर्वश्रेष्ठ टीम का फैसला होता है।