भारत को अपनी कप्तानी में नौ साल पहले 2012 का अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले उन्मुक्त चंद ने सिर्फ 28 साल की उम्र में संन्यास ले लिया है। उन्मुक्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में शतक ठोककर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। उन्मुक्त रातों-रात स्टार बन गए, लेकिन इसके बाद वे घरेलू क्रिकेट में कुछ कमाल नहीं कर पाए।
आपको बता दें कि विराट कोहली, रवींद्र जडेजा, युवराज सिंह सहित कई भारतीय खिलाड़ी अंडर-19 क्रिकेट से ही निकले हैं। उन्मुक्त को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा था, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ पाए। उन्मुक्त ने आज शुक्रवार को ट्विटर पर संन्यास की जानकारी फैंस से शेयर की है। अपनी यादों का वीडियो भी शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि अब उनके जीवन की नई यात्रा शुरू हो रही है।
उन्मुक्त ने शेयर की अपनी भावनाएं
उन्मुक्त ने कहा कि मुझे
नहीं पता कि मुझे कैसा महसूस करना चाहिए क्योंकि मैं ईमानदारी से अभी भी
इसका पता लगा रहा हूं। अपने देश का फिर से प्रतिनिधित्व नहीं कर पाने का
विचार सचमुच थोड़ी देर के लिए मेरे दिल की धड़कन को रोक देता है। व्यक्तिगत
रूप से भारत में मेरी क्रिकेट यात्रा में कुछ शानदार पल रहे हैं। भारत के
लिए अंडर-19 विश्व कप जीतना मेरे जीवन के सबसे बड़े क्षणों में से एक है।
एक कप्तान के रूप में कप को उठाना और देश में लाना एक विशेष एहसास था। कई
मौकों पर भारत-ए का नेतृत्व करना और विभिन्न द्विपक्षीय और त्रिकोणीय सीरीज
जीतना मेरी यादों में हमेशा रहेगा।
अमेरिका से खेल सकते हैं उन्मुक्त
उन्मुक्त
के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने 67 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 3379 रन
बनाए, जबकि 120 लिस्ट ए मैच में 4505 रन जुटाए। उन्मुक्त ने 77 टी20 में
1564 रन बटोरे हैं। बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक ऐसा कोई भी भारतीय
क्रिकेटर जो अनुबंध का हिस्सा हो या नहीं हो, संन्यास की घोषणा करने से
पहले देश के बाहर किसी भी प्रकार की फ्रेंचाइजी क्रिकेट नहीं खेल सकता।
युवराज को कनाडा में टी20 लीग खेलने के लिए संन्यास लेना पड़ा था। माना जा
रहा है कि उन्मुक्त अमेरिका में क्रिकेट खेल सकते हैं।