टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) में मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने भारत को पहला मेडल दिलाया है। मीराबाई चानू ने ये कमाल 49 किलोग्राम भारवर्ग की महिला वेटलिफ्टिंग में किया। उन्होंने स्नैच और क्लीन एंड जर्क राउंड मिलाकर कुल 202 (87 किग्रा+115 किग्रा) किलो वजन उठाया और सिल्वर मेडल जीता। सिल्वर मेडल जितने के बाद मीराबाई चानू कहा कि वह इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं। न्यूज 18 लोकमत को दिए अपने इंटरव्यू में मीराबाई चानू ने कहा कि मैं शब्दों में इसे बयां नहीं कर सकती कि कितना खुश महसूस कर रही हूं। मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है, यह वेटलिफ्टिंग में हमारा दूसरा पदक है। मैं महासंघ, मेरे कोच, परिवार और सभी समर्थकों को धन्यवाद देना चाहती हूं। आपको बता दे, देश को वेटलिफ्टिंग में 21 साल बाद ओलिंपिक मेडल मिला है। इससे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने ब्रॉन्ज जीता था।
मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल की जीत के साथ-साथ उनकी कान की बालियों ने भी लोगों का खूब ध्यान बंटोरा है। मीरा फाइनल में ओलिंपिक के छल्लों के आकार की बालियां पहनकर रिंग में उतरी थीं। ये बालियां मीरा की मां तोम्बी लीमा ने 2016 रियो ओलिंपिक से पहले अपने जेवर बेचकर उन्हें तोहफे में दी थीं।
2016 में मीराबाई की मां को उम्मीद थी कि इससे उनका भाग्य चमकेगा। हालांकि, रियो में वे डिस-क्वालिफाई हो गईं। लेकिन 2020 टोक्यो गेम्स में सिल्वर जीतकर उन्होंने मां के त्याग को सफल कर दिया। फाइनल में जब तोम्बी ने मीरा के कानों में वही बालियां देखीं, तो वे खुशी से रो पड़ीं।
लीमा ने कहा कि मैंने बालियां टीवी पर देखी थी। मैंने ये उसे 2016 में रियो ओलंपिक से पहले दी थी। मैंने मेरे पास पड़े सोने और अपनी बचत से इन्हें बनवाया था, ताकि इससे उसका भाग्य चमके और उसे सफलता मिले। अब उन्हीं बालियों में मेडल जीतते देखना मेरे लिए बहुत बड़ी खुशी है। मीरा के पिता सेखोम कृति मेइतेई की आंखें भी नम हुईं। ये खुशी के आंसू हैं। मीरा ने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है।
मीराबाई चानू की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, 'टोक्यो ओलंपिक की इससे अच्छी शुरुआत के नहीं हो सकती था। मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से भारत उत्साहित है। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।'