भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। दरअसल वह पहली बार किसी ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। कप्तान रानी रामपाल की टीम ने ग्रुप स्टेज में 2 मैच जीते, जबकि 3 में उसे हार मिली। इसके बाद भारत के अंतिम-8 में पहुंचने की उम्मीदें ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच होने वाले नतीजे पर टिकी थीं। शनिवार रात खेले गए इस मैच में ब्रिटेन ने 2-0 से जीत दर्ज कर भारत का रास्ता साफ कर दिया। पूल ए में भारतीय टीम 6 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही और क्वालिफाई करने वाली आखिरी टीम बनी। भारत के लिए आयरलैंड की हार या ड्रॉ जरूरी था। आयरलैंड के 3 अंक थे और जीतने पर उसके भी 6 अंक हो जाते, लेकिन गोल अंतर में वह भारत से आगे निकल जाता।
अब 2 अगस्त को 3 बार के चैंपियन से होगी टक्कर
भारतीय टीम
सिर्फ तीसरी बार ही ओलंपिक में हिस्सा ले रही है। टीम ने पहली बार 1980 के
मॉस्को ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। उसके बाद 2016 के रियो ओलिंपिक
में भी दावेदारी पेश की थी। इन दोनों ही ओलंपिक में भारत को एक भी जीत नहीं
मिली थी। इस बार भी उसने शुरुआती तीन मुकाबले गंवाने के बाद वापसी कर
आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत दर्ज की। दो अगस्त को क्वार्टर
फाइनल में भारत का मुकाबला 3 बार के ओलंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से होगा।
ऑस्ट्रेलिया पूल बी के सभी पांच मैच जीत टॉप पोजिशन पर रहा। उसने अभी तक 13
गोल किए, जबकि सिर्फ एक गोल खाया है।
एलेन ने तोड़ा फ्लोरेंस ग्रिफिथ जॉयनर का रिकॉर्ड
जमैका
की एलेन थॉम्प्सन-हेराथ ने इतिहास रचते हुए नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ 100
मीटर रेस जीत ली। वे अब ओलंपिक के इतिहास में सबसे तेज महिला धावक बन गई
हैं। एलेन ने 10.61 सेकंड के समय के साथ महिलाओं की 100 मीटर दौड़ का फाइनल
जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। शेली-एन फ्रेजर-प्राइस ने 10.74 सैकंड
में रेस पूरी कर रजत और शेरिका जैक्सन ने 10.76 सैकंड लेकर कांस्य पदक अपने
नाम किया। तीनों मेडल जमैका की झोली में आए हैं। एलेन से पहले ओलंपिक में
सबसे तेज धाविका का खिताब दिवंगत फ्लोरेंस ग्रिफिथ-जॉयनर के पास था।
उन्होंने 1988 के सियोल ओलंपिक में 10.62 सैकंड में दौड़ पूरी की थी। वैसे
विश्व रिकॉर्ड जॉयनर (10.49 सै.) के नाम ही है।