Tokyo Olympic : टेबल टेनिस में चुनौती पेश करेंगे हमारे 4 पैडलर, शरत-मनिका की जोड़ी से पदक की आस

टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिए जबरदस्त जोर-आजमाइश देखी जाएगी। चार साल से होने वाले खेलों के इस महाकुंभ में हर खिलाड़ी की पदक पाने की हसरत होती है। हमारे देश के खिलाड़ी भी पूरा जोर लगाएंगे। हालांकि ज्यादा उम्मीद बैडिमिंटन, टेनिस, शूटिंग और रेसलिंग में ही लगाई जा रही है, लेकिन अन्य खेल के खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी हुई है। टेबल टेनिस में भारत के लिए चार पैडलर शरत कमल, जी. साथियान, मनिका बत्रा और सुतीर्था मुखर्जी चुनौती पेश करेंगे। भारत वर्ष 1988 से हर ओलंपिक में टेबल टेनिस से दो पैडलर को उतारता आया है। इस खेल में चीन का दबदबा है। चीन ने ओलंपिक में इस खेल में 32 में से 28 स्वर्ण पदक जीते हैं।


राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में किया था बेहतर प्रदर्शन

भारतीय टीम के एशियन क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के फाइनल राउंड में हारने के बाद चार भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। शरत और साथियान पुरुष एकल जबकि मनिका और सुतीर्था महिला एकल में भाग लेंगी। शरत और मनिका की जोड़ी मिश्रित युगल में भी खेलेगी। उनसे पदक की उम्मीद है। 39 वर्षीय शरत चौथे ओलंपिक में हिस्सा लेंगे जबकि मनिका का यह दूसरा ओलंपिक है। शरत ने पहली बार वर्ष 2004 एथेंस ओलंपिक में हिस्सा लिया था। भारतीय खिलाड़ियों ने हाल के दिनों में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में बेहतर प्रदर्शन किया था।


खिलाड़ियों को पोडियम पर हमेशा मास्क पहनकर रहना होगा

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कई स्वास्थ्य सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि टोक्यो में पदक वितरण समारोह के दौरान खिलाड़ी, प्रस्तोता और वालंटियर ग्रुप फोटो नहीं खिंचवाएंगे और पोडियम पर हमेशा मास्क पहनकर रहेंगे। हालांकि जून में ही जारी दिशानिर्देशों में स्पष्ट कर दिया गया था कि खिलाड़ियों और पदक देने वालों को मास्क पहने रहना होगा।

अब स्वर्ण और रजत तथा स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पोडियम पर एक्सट्रा स्पेस रखी जाएगी। सभी प्रस्तोताओं का टीकाकरण होगा। प्रत्येक इवेंट के दौरान केवल एक आईओसी सदस्य और एक अंतरराष्ट्रीय महासंघ का प्रतिनिधि मौजूद रहेगा। आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने बुधवार को कहा था कि ओलंपिक के दौरान वायरस फैलने से रोकने के लिए खिलाड़ियों को खुद गले में पदक डालना होगा।