श्रीलंका ने शुक्रवार को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में बरसात से बाधित मुकाबले में बढ़िया गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। बरसात के कारण सीरीज का तीसरा वनडे मुकाबला 47-47 ओवर का कर दिया गया। युवा भारतीय टीम 43.1 ओवर में 225 रन पर ही सिमट गई। ओपनर पृथ्वी शॉ ने सर्वाधिक 49 रन बनाए। उनकी 49 गेंदों की पारी में 8 चौके शुमार रहे। विकेटकीपर संजू सैमसन ने 46 गेंदों पर पांच चौकों व एक छक्के की मदद से 46 और सूर्यकुमार यादव ने 37 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 40 रन बनाए।
जयविक्रमा और धनंजय ने झटके 3-3 विकेट
हार्दिक पांड्या ने
19, नवदीप सैनी ने 15, कप्तान शिखर धवन व राहुल चाहर ने 13-13, मनीष पांडे
ने 11, नितीश राणा ने 7, के. गौतम ने 2 और चेतन सकारिया ने नाबाद 0 रन
बनाए। श्रीलंका की ओर से प्रवीण जयविक्रमा व अकिला धनंजय ने 3-3, दुष्मांथा
चमीरा ने 2 और चामिका करुणारत्ने व कप्तान दासुन शनाका ने 1-1 विकेट झटका।
भारत ने इस मैच में पांच नए खिलाड़ियों को उतारा है। भारत सीरीज में पहले
ही 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका है।
सूर्यकुमार के एलबीडब्ल्यू डिसीजन पर असमंजस की स्थिति
भारतीय
पारी के 23वें ओवर में प्रवीण जयविक्रमा श्रीलंका की ओर से गेंदबाजी डालने
आए। ओवर की पहली ही गेंद सूर्यकुमार यादव के पैड पर जा लगी। श्रीलंकाई टीम
के अपील करने पर मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने उन्हें आउट दे दिया।
सूर्यकुमार ने रिव्यू लेने का फैसला किया। स्निकोमीटर में गेंद बल्ले के टच
नहीं हो रही थी। बॉल ट्रेकिंग एंगल के लिए तीसरे अंपायर को 2-3 मिनट का
इंतजार करना पड़ा।
इसमें देखा गया कि बॉल इम्पैक्ट से बाहर थी,
लेकिन यह स्टंप्स के टकरा रही थी। इससे सूर्यकुमार और श्रीलंकाई खिलाड़ियों
ने मान लिया कि वह आउट है। यहां तक कि श्रीलंकाइयों ने जश्न मना लिया और
अगले बल्लेबाज के रूप में हार्दिक पांड्या ने भी आने की तैयारी कर ली थी।
हालांकि गेंद ऑफ साइड के बाहर टकराई थी और सूर्यकुमार गेंद को खेलने की
कोशिश कर रहे थे। ऐसे में नियमानुसार बल्लेबाज नॉटआउट होता है और फैसला
सूर्यकुमार के पक्ष में गया।