लीड्स टेस्ट में हार के बावजूद रचा गया इतिहास, 1948 के बाद पहली बार बना यह अद्भुत रिकॉर्ड

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड दौरे की शुरुआत भले ही निराशाजनक रही हो, लेकिन लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। इस मुकाबले में टीम इंडिया को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, मगर यह हार भी एक ऐसे कीर्तिमान के साथ आई जिसे टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में अब तक केवल दो बार देखा गया था।

ऐसा करिश्मा सिर्फ तीसरी बार हुआ टेस्ट इतिहास में

लीड्स टेस्ट में जो हुआ, वह टेस्ट क्रिकेट में केवल दो बार ही पहले हुआ था — मैच की चारों पारियों में 350 से अधिक रन बनना। यह कारनामा टेस्ट इतिहास में अब तक सिर्फ दो ही बार हुआ था — 1921 और 1948 में — और अब 2025 में भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट को भी इस दुर्लभ सूची में जगह मिल गई है।

तीन ऐतिहासिक टेस्ट मैच जिनकी चारों पारियों में बने 350+ रन


1. 1921, एडिलेड —

ऑस्ट्रेलिया: 354 और 582

इंग्लैंड: 447 और 370

2. 1948, हेडिंग्ले —

ऑस्ट्रेलिया: 458 और 404/3

इंग्लैंड: 496 और 365/8d

3. 2025, हेडिंग्ले —

भारत: 471 और 364

इंग्लैंड: 465 और 373/5

इस अद्वितीय आँकड़े से यह स्पष्ट होता है कि लीड्स का यह टेस्ट मैच गेंदबाजों की परीक्षा की घड़ी बन गया, और बल्लेबाजों का जश्न।

भारतीय बल्लेबाजों का दमदार प्रदर्शन, फिर भी हार

मैच के पहले ही दिन से भारत ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल, कप्तान शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने शतक जड़े और स्कोरबोर्ड पर 471 रन टांग दिए। इसके जवाब में इंग्लैंड ने भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 465 रन बनाए।

दूसरी पारी में भारत ने एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन किया और 364 रनों का स्कोर खड़ा किया। इंग्लैंड को आखिरी पारी में 371 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे बेन डकेट की 149 रनों की पारी के दम पर मेज़बान टीम ने केवल 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

5 शतक, फिर भी हार – टेस्ट क्रिकेट में पहली बार

इस मैच में भारत की ओर से कुल 5 शतक लगे — जायसवाल, गिल, पंत और दो अन्य बल्लेबाजों ने शतक ठोके। इसके बावजूद टीम इंडिया को हार मिली। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी टीम ने एक ही टेस्ट में 5 शतक लगाए और फिर भी हार का सामना करना पड़ा।

इससे यह बात स्पष्ट होती है कि भारत की गेंदबाजी इकाई इस मुकाबले में इंग्लिश बल्लेबाजों को रोकने में पूरी तरह विफल रही। जसप्रीत बुमराह को छोड़कर बाकी सभी गेंदबाजों की लय में कमी साफ दिखी, जिसका नतीजा यह हार बनी।

बल्लेबाजी में रिकॉर्ड, गेंदबाजी में निराशा

जहां एक ओर भारत के बल्लेबाजों ने मैच को ऐतिहासिक बना दिया, वहीं गेंदबाजी में अनुभव की कमी और योजना की विफलता ने टीम को जीत से दूर कर दिया। प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर की गेंदबाजी की दिशा और लंबाई में निरंतरता नहीं रही, और इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने इसका भरपूर लाभ उठाया।

क्रिकेट इतिहास के एक गौरवशाली अध्याय में भारत का नाम दर्ज

हालांकि हार एक निराशाजनक पहलू है, लेकिन इतिहास गवाह है कि क्रिकेट में कभी-कभी हार भी महानता की कहानी कह जाती है। लीड्स टेस्ट 2025 ऐसा ही एक मुकाबला था। यह मैच आने वाले वर्षों में याद किया जाएगा — न सिर्फ इंग्लैंड की ऐतिहासिक जीत के लिए, बल्कि भारत की बल्लेबाजी के शानदार प्रदर्शन और क्रिकेट की रोमांचकारी प्रकृति के लिए।

हार के बावजूद गर्व की वजह बना लीड्स टेस्ट

लीड्स टेस्ट 2025 न केवल एक क्रिकेट मुकाबला था, बल्कि यह टेस्ट क्रिकेट की अद्भुतता का प्रमाण भी था। यह वह मैच था जिसमें हर पारी ने 350 से ऊपर रन बनाए, हर खिलाड़ी ने सीमाओं को छुआ और हर क्रिकेट प्रेमी ने खेल की सुंदरता को नए सिरे से महसूस किया।

भारत यह मुकाबला भले ही हार गया, लेकिन इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनकर उसने क्रिकेट के गौरवशाली अध्याय में अपना नाम अवश्य दर्ज करा दिया।