जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से शुरू हुए खेलों के महाकुंभ का समापन रविवार (8 अगस्त) को हो गया। वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती के बीच जापान ने ओलंपिक का सफल आयोजन किया। हर बार की तरह इस बार भी सभी देशों के एथलीटों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। इस ओलंपिक की शुरुआत से टॉप पोजिशन पर कायम चीन अंतिम दिन मेडल टैली में पिछड़ गया। अमेरिका ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित करते हुए नं.1 की कुर्सी पर कब्जा जमाया। अमेरिका ने 39 स्वर्ण, 41 रजत और 33 कांस्य के साथ कुल 113 पदक जीते।
मेजबान जापान का भी बढ़िया रहा प्रदर्शन
दूसरे नंबर पर चीन
(88) है। चीन ने 38 गोल्ड, 32 सिल्वर और 18 ब्रॉन्ज मेडल जीते। पदक तालिका
में मेजबान जापान तीसरे नंबर पर है। जापान ने कुल 58 पदक (27 स्वर्ण, 14
रजत, 17 कांस्य) पर कब्जा जमाया। ग्रेट ब्रिटेन (65) चौथे, रशियन ओलंपिक
कमेटी (71) पांचवें, ऑस्ट्रेलिया (46) छठे, नीदरलैंड्स (36) सातवें, फ्रांस
(33) आठवें, जर्मनी (37) नौवें और इटली (40) दसवें स्थान पर रहे। आपको बता
दें कि पदक तालिका का निर्धारण कुल पदकों के बजाय सबसे ज्यादा स्वर्ण, फिर
रजत और इसके बाद कांस्य की संख्या के आधार पर होता है।
48वें नंबर पर रहा भारत
भारत
टोक्यो में 48वें नंबर पर रहा। उसने इस बार कुल सात मेडल जीते। इनमें 1
गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज शुमार हैं। इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ
प्रदर्शन 2012 लंदन ओलंपिक में था। तब भारत के खाते में 6 पदक (2 सिल्वर, 4
ब्रॉन्ज) आए थे। इस बार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में गोल्ड
मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। ओलंपिक में भारत को 13 साल के बाद स्वर्ण
मिला। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड पर
निशाना लगाया था। टोक्यो में नीरज के अलावा मीराबाई चानू (भारोत्तोलन) व
रवि दहिया (कुश्ती) ने रजत और पीवी सिंधु (बैडमिंटन), बजरंग पूनिया
(कुश्ती), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी) व पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक
जीते। भारत के लिए सबसे पहला पदक मीराबाई ने जीता था।