राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 100 हो गई। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और ज्यादा सतर्क हो गया है। बुधवार को केंद्र ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम वहां भेजी, ताकि रोग पर नियंत्रण के उपायों में तेजी लायी जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित 100 लोगों में 23 गर्भवती महिलाएं हैं। मच्छरों को मारने के लिए उपयोग में लाए जा रहे कीटनाशकों को बदलने के लिए आईसीएमआर के विशेषज्ञों की एक टीम जयपुर पहुंच गई है। जीका, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोग मच्छरों के कारण फैलते हैं। घनी आबादी वाले शास्त्री नगर और सिंधी कैंप से नमूनों के तौर पर लिए गए कुछ मच्छरों में जीका वायरस मिले हैं। जयपुर में जीका का असर इन्हीं इलाके में देखने को मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को रोजाना आधार पर मामलों की निगरानी करने का निर्देश दिया और लोगों से नहीं घबराने का आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने जीका वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कदमों की समीक्षा की खातिर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
हालांकि, राहत की बात यह है कि जीका संक्रमण से पीड़ित मरीजों में से उपचार के बाद अधिकतर मरीजों का स्वास्थ्य ठीक है। राजपूत हॉस्टल के 84 छात्रों के खून और पेशाब के नमूने जांच के लिए गए। उनमें से 14 छात्रों को इलाज के लिए अलग वार्ड में भेजा गया। जयपुर में जीका संक्रमण के अधिकतर मामले शास्त्री नगर इलाके में पाए गए हैं। प्रभावित इलाकों में लगातार फॉगिंग और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिे लार्वा को नष्ट करने के उपाय किए जा रहे हैं।
इन लक्षणों से जीका को पहचानेंजीका वायरस से संक्रमित हर 5 में से 1 व्यक्ति में ही इसके लक्षण दिखते हैं। वायरस के शिकार लोगों में जॉइंट पेन, आंखें लाल होना, उल्टी आना, बेचैनी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके शिकार कुछ ही मरीज को ऐडमिट करने की नौबत आती है। जीका वायरस के मरीज कंप्लीट बेड रेस्ट लें।
वायरस से ऐसे बचें-घर में मच्छर न पनपने दें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
-जो महिलाएं लंबे ट्रैवल से लौटी हैं खासतौर से उन जगहों से जहां वायरस फैला हुआ है, तो अगले 8 सप्ताह तक गर्भधारण करने से बचें।
-घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली जरूरी लगवाएं, जाली वाले दरवाजे हमेशा बंद रखें।
-अगर आपको डायबीटीज, हाइपरटेंशन, इम्यूनिटी डिसऑर्डर जैसी दिक्कतें हैं तो यात्रा करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
-यात्रा से आने के दो सप्ताह के अंदर अगर आपको हल्का बुखार होता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।