चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने एक यूट्यूबर को ट्रांसपर्सन और AIADMK प्रवक्ता अप्सरा रेड्डी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है। कारण, यूट्यूबर जो माइकल प्रवीण ने रेड्डी के बारे में अपमानजनक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की थी। इसके खिलाफ अप्सरा रेड्डी ने यूट्यूबर पर मानसिक प्रताड़ना देने के लिए 1.25 करोड़ के हर्जाने की मांग करते हुए मानहानि का केस दायर किया था।
अप्सरा रेड्डी की याचिका के मुताबिक, जब वह 2017 में एक पत्रिका के संपादक के रूप में काम कर रही थीं, तब प्रवीण उनके साथ एक वीडियो शूट करना चाहता था, लेकिन जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो प्रवीण कथित तौर पर गुस्सा हो गया और उनके बारे में अनाप-शनाप बातें करते हुए वीडियो शेयर पोस्ट करने लगा।
याचिका में कम से कम 10 YouTube वीडियो का जिक्र किया गया है, जिनमें प्रवीण ने अप्सरा के बारे में अपमानजनक तरीके से बात की है। इन वीडियो में वह याचिकाकर्ता के चरित्र पर सवाल उठाना और उनके सेक्स चेंज ऑपरेशन का मजाक उड़ाना शामिल है। अप्सरा ने दावा किया है कि इन अपमानजनक वीडियो के कारण उन्हें मानसिक पीड़ा और डिप्रेशन से गुजरना पड़ा, जिसके लिए उन्हें एक मनोवैज्ञानिक द्वारा परामर्श के कई सत्रों से गुजरना पड़ा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन सभी प्रताड़नाओं के चलते उन्हें अपने कई कार्यक्रमों को अचानक रद्द करना पड़ा।
वीडियो के कंटेंट को देखने के बाद कोर्ट ने माना कि इनमें की गई बातें दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक थीं, जो किसी भी व्यक्ति की गोपनीयता को प्रभावित कर रही हैं। जस्टिस एन सतीश कुमार की बेंच ने कहा कि केवल इसलिए कि किसी व्यक्ति को YouTube पर पोस्ट करने का अधिकार है तो वह दूसरों की गोपनीयता का उल्लंघन करते हुए अपनी सीमा पार नहीं कर सकता। जब इस तरह के बयान सामने आते हैं, खासकर यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया पर, जो किसी व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार और निजी जीवन से छेड़छाड़ करते हैं, तो इसका उस विशेष क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। पूरा हर्जाना 1.25 करोड़ रुपये तो नहीं दिया जा सकता लेकिन प्रवीण को 50 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।
वहीं कोर्ट ने Google के खिलाफ दायर केस खारिज कर दिया। कारण, YouTube पर अपलोड की गई वीडियो को गूगल द्वारा हटा दिया गया था।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अप्सरा रेड्डी ने इंडिया टुडे से कहा, “मैं इस
फैसले के लिए न्यायपालिका और अपनी बेहद दयालु कानूनी टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं। ट्रांसजेंडर समुदाय अक्सर दुर्व्यवहार, हिंसा और यौन अपराधों का निशाना बनता है। यह नफरत और कटु टिप्पणी ट्रांसजेंडर समुदाय की आवास, शिक्षा, नौकरी, पारिवारिक और सामाजिक स्वीकृति और हमारी गरिमा के बुनियादी अधिकार तक पहुंच को प्रभावित करती है। जब आपके अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है और आत्म-सम्मान को बेरहमी से कुचला जाता है, तो कभी हार न मानें। इसकी रिपोर्ट करें, न्यायपालिका पर विश्वास रखें और कानूनी प्रक्रिया से भयभीत या हतोत्साहित न हों।''