महाकुंभ में हर्षा रिछारिया ने ऐसा क्या किया कि भड़क गए संत, साधुओं ने जताई नाराजगी

महाकुंभ 2025 के दौरान निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में हर्षा रिछारिया रथ पर बैठी थीं, जिसकी फोटो वायरल हो गई। हर्षा के रथ पर बैठने को लेकर संतों ने नाराजगी जताई और इसे उचित नहीं माना। बेंगलुरु के शाकंभरी मठ के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह समाज में गलत संदेश फैला सकता है। उन्होंने कहा, धर्म को शोकेसिंग का हिस्सा बनाना खतरनाक हो सकता है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का विरोध

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इस पर विरोध जताया। उनका कहना था कि महाकुंभ में ऐसी परंपरा को शुरू करना गलत है और यह विकृत मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, 'महाकुंभ में शरीर की सुंदरता नहीं, बल्कि ह्रदय की सुंदरता को देखा जाना चाहिए। यह बिल्कुल गलत है कि किसी ऐसे व्यक्ति को, जो संन्यास लेने या विवाह करने का निर्णय नहीं ले सका, उसे रथ पर संतों और महात्माओं के साथ बैठाया जाए। हर्षा रिछारिया यदि एक भक्त के रूप में शामिल होतीं तो ठीक था, लेकिन उन्हें रथ पर भगवा कपड़ों में बैठाना गलत है।'

हर्षा ने साध्वी होने से किया इनकार

जब पत्रकारों ने हर्षा रिछारिया से इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने जीवन को सुकून की तलाश में चुना है। उन्होंने बताया कि जो चीजें उन्हें आकर्षित करती थीं, उन्हें अब छोड़ चुकी हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, मीड‍िया ने उन्हें साध्वी कहकर संबोधित किया, जिस पर हर्षा ने खुद को साध्वी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमृत स्नान किया और अपने गुरु से दीक्षा ली है, लेकिन साध्वी बनने के लिए बहुत सी परंपराओं को पालन करना होता है, जिसे उन्होंने फॉलो नहीं किया है। हर्षा ने यह भी कहा कि विवाह या संन्यास लेने के बारे में उन्होंने अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

हर्षा की सोशल मीडिया पर भारी फॉलोइंग

हर्षा रिछारिया मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं और वर्तमान में उत्तराखंड में निवास करती हैं। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष की माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। हर्षा के इंस्टाग्राम पर 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, और वह अपने अकाउंट पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। हर्षा निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्य भी हैं।