एलोपैथी के इलाज पर सवाल उठाने वाले बाबा रामदेव भी लगवाएंगे कोरोना वैक्सीन, डॉक्टरों को बताया भगवान के भेजे गए देवदूत

एलोपैथी के इलाज पर सवाल उठाने के बाद विवादों में घिरे योगगुरू बाबा रामदेव भी अब कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गए है। रामदेव ने कहा कि मैं भी जल्द ही वैक्सीन लगवाउंगा। इसके साथ ही उन्होंने सभी से टीका लगवाने की अपील भी की। बाबा रामदेव ने लोगों से कहा कि वह योग और आयुर्वेद का अभ्यास करें। योग बीमारियों के खिलाफ एक ढाल के रूप में काम करता है और कोरोना से होने वाली जटिलताओं से बचाता है। बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से देश के हर राज्य में 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराने का एलान किया।

डॉक्टर धरती पर भगवान द्वारा भेजे गए दूत: रामदेव

ड्रग माफियाओं पर टिप्पणी करते हुए रामदेव ने कहा, 'हमारी किसी संगठन के साथ दुश्मनी नहीं है और सभी अच्छे डॉक्टर इस धरती पर भगवान द्वारा भेजे गए दूत हैं। वह इस ग्रह के लिए एक उपहार हैं। हमारी लड़ाई देश के डॉक्टरों से नहीं है, जो डॉक्टर हमारा विरोध कर रहे हैं, वह किसी संस्था के जरिए नहीं कर रहे हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि दवाओं के नाम पर किसी को परेशान न किया जाए और लोगों को अनावश्यक दवाओं से बचना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एलोपैथी आपातकालीन मामलों और सर्जरी के लिए बेहतर है।'

उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर खोलना पड़ा, क्योंकि ड्रग माफियाओं ने फैंसी दुकानें खोली हैं, जहां वे बुनियादी और आवश्यक के बजाय बहुत ज्यादा कीमतों पर अनावश्यक दवाएं बेच रहे हैं।'

एलोपैथी के इलाज पर बाबा ने कही थी ये बात

बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से हो रही मौतों को ऐलोपैथी से जोड़कर टिप्पणी की थी। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 'कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गए।'

बाबा रामदेव के इस टिप्पणी के बाद डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन आईएमए ने योग गुरू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। आईएमए उत्तराखंड ने बाबा को नोटिस भेजकर मानहानि का केस भी किया था और उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने के लिए भी कहा था।

आईएमए उत्तराखंड और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के साथ बाबा रामदेव के विवाद को बढ़ता देख केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने योग गुरू को एक चिट्ठी भी लिखी थी। इस पत्र के बाद बाबा रामदेव ने अपने बयानों को वापस लेते हुए खेद जताया था।