आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए शनिवार से भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बैठक से पहले पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित किया। बैठक के पहले दिन 2019 में होने वाले चुनाव और एससी/एसटी एक्ट को लेकर जारी हंगामे पर चर्चा हुई। इस बैठक में कई बड़े नेता और कार्यकारिणी में शामिल लगभग सभी नेता मौजूद रहे लेकिन कुछ ऐसे बड़े नाम भी है जो इस बैठक में गैरहाजिर रहे। इनमें यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई बड़े नेता शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ये दोनों नेता शनिवार को आम आदमी पार्टी की नोएडा में आयोजित रैली में शामिल हुए और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इन दोनों नेताओं के अलावा इस बैठक में वरुण गांधी, बीएस येदियुरप्पा भी शामिल नहीं हुए। लेकिन येदियुरप्पा ने परिवार में कार्यक्रम होने की वजह से शामिल होने पर असमर्थता पहले ही जताई थी। हालांकि वरुण की गैरमौजूदगी ने कई तरह की अटकलों को हवा दे दी है। पहले भी दो अहम बैठकों में वह नहीं पहुंचे थे। इससे उनके पार्टी छोड़कर कांग्रेस या किसी अन्य दल में शामिल होने के कयास लग रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बैठक के पहले दिन यानी शनिवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष ने 2019 लोकसभा चुनाव आसानी से जीतने का फॉर्मूला बताया। शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 से भी बड़ी जीत हासिल करेगी। उन्होंने विपक्ष के महागठबंधन को झूठ, ढकोसला और भ्रांति आधारित करार दिया।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी शाह ने कहा कि सरकार और भाजपा मेकिंग इंडिया में लगी है, जबकि विपक्ष ने ब्रेकिंग इंडिया को एजेंडा बना लिया है। विपक्षी महागठबंधन से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। भाजपा 2014 में इसमें शामिल सभी दलों को हराकर सत्ता में आई है। पार्टी कार्यकर्ता केंद्र की उपलब्धियों को तथ्यों के साथ लोगों के सामने रखें और विरोधियों को खुली बहस की चुनौती दें।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार के करीब 5 साल के कार्यकाल के काम की सुगंध चारों ओर फैली है। इस समय पार्टी देश के 70 फीसदी भूभाग और 19 राज्यों में अपने दम पर सत्ता में है। ऐसे में अगले चुनाव में बड़ी जीत के लक्ष्य के साथ चलते हुए हमें आराम नहीं करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावों में जीत के लिए पार्टी नेताओं को जीत का मंत्र दिया है। पीएम मोदी ने चुनावी राज्यों की रिपोर्टिंग के समय पार्टी नेताओं को विपक्ष के जाल में न फंसने की सलाह दी। उन्होंने बीजेपी नेताओं को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि 'विपक्ष के जाल में न फंसे और अपने ही मुद्दों पर डंटे रहें। जीत अवश्य होगी।' पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को जीत का स्पष्ट मंत्र दे दिया है कि उन्हें सिर्फ अपने ही मुद्दों पर डंटे रहना है और विपक्ष के झांसे में आने से बचना है।
विस्तार वाले राज्यों पर टिकी है नजर- शाह ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में लोकसभा चुनाव में सुखद परिणाम आएंगे। पार्टी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना जैसे राज्यों में नंबर दो पर है। यहां सत्ता विरोधी लहर फायदा पहुंचा सकती है। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी।
घुसपैठियों के लिए देश में जगह नहींअसम में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजंस (एनआरसी) पर शाह ने कहा कि देश में एक भी घुसपैठिये को जगह नहीं मिलेगी। भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगी। पड़ोसी देशों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने में भी देर नहीं की जाएगी।