उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा सड़क हादसा हुआ है, जिसमें एक तेज रफ्तार कार डिवाइडर तोड़ते हुए ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में कार सवार पांच डॉक्टरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक घायल हो गया। ये डॉक्टर सैफई मेडिकल कॉलेज में तैनात थे और लखनऊ से सैफई वापस लौट रहे थे। हादसे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए यूपी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशानाअखिलेश यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, हर एक जान अनमोल होती है, लेकिन जान बचानेवाले डॉक्टरों की जान जाना और भी अधिक दुखद घटना है। श्रद्धांजलि! उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार को ये सोचना चाहिए कि एक्सप्रेसवे पर अचानक हादसों की संख्या क्यों बढ़ गई है? उन्होंने भाजपा सरकार से कुछ सवाल भी किए, जैसे कि क्या सरकार सपा के समय बने इस विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे की देखरेख करने की क्षमता नहीं रखती, या फिर यह जानबूझकर किया जा रहा है? इसके साथ ही उन्होंने हाईवे पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि वे केवल मोबाइल देखने के लिए खड़े रहते हैं, जबकि उन्हें सड़क सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा, सरकार कर रही सौतेला व्यवहारअखिलेश यादव ने आगे कहा, क्या स्पीड पर निगाह रखनेवाली CCTV तकनीक केवल चालान काटने के लिए है, या इससे जान बचाने के उपाय भी हो सकते हैं? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार के पास जानवरों की आवा-जाही को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं है, जो अक्सर हादसों का कारण बनते हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के प्रति द्वेषपूर्ण रवैया अपना रही है, जिसकी कीमत जनता अपनी जान गंवाकर चुका रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, एक्सप्रेसवे एक बड़ी सोच का ठोस रूप थाअखिलेश यादव ने आगे लिखा कि सपा के लिए 'एक्सप्रेसवे' एक बड़ी सोच का ठोस रूप था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के साथ आवागमन और परिवहन को बेहतर बनाना था, ताकि बीच के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था और कृषि को विकास के रास्ते पर लाया जा सके। लेकिन, उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए यह सिर्फ टोल वसूलने का एक तरीका बनकर रह गया है, और यह काम भी प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के जीवन को बचाने के उपाय करने चाहिए, बजाय इसके कि वे सिर्फ टोल वसूली पर ध्यान दें।