पाली : परिवार पर कहर बनकर टूटा कोरोना, पहले माता-पिता और अब चाचा ने तोडा दम, बच्चों की परवरिश दादी के जिम्मे

कोरोना महामारी जारी हैं जो कई लोगों के लिए काल बनकर आई हैं और लोगों की जिंदगी छीन रही हैं। कोरोना एक परिवार पर कहर बनकर टूटा है जहां पहले तो माता-पिता की मौत हो गई और उसी के 16 दिन बाद कोरोना से चाचा ने भी अपनी जान गंवा दी। ऐसे में अब बच्चों की परवरिश का जिम्मा 75 साल की दादी पर आ गया हैं। दो जवान बेटों की अकाल मौत से 75 वर्षीय मां कमलादेवी का रो-रो कर बुरा हाल हैं। दोनों परिवार के बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी वृद्ध कमलादेवी के कंधों पर आ गई हैं। आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार को अब मदद की दरकरार हैं। ऐसे में परिवार का गुजारा कैसे होगा। ग्रामीणों ने भी जिला प्रशासन से परिवार को आर्थिक मदद देने की गुहार की हैं।

चांचोड़ी गांव निवासी 48 वर्षीय भंवरलाल सिलाई का काम कर अपने परिवार का गुजारा करते थे। पहले बुखार-खांसी और फिर सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजन उन्हें 27 अप्रैल को बांगड़ अस्पताल ले गए। जहां बीच राह में ही उनकी सांसें थम गई। भंवरलाल की अकाल मौत के सदमे से परिवार के लोग उभरे ही नहीं थे कि मृतक भंवरलाल की 44 वर्षीय पत्नी सुनीता की तबीयत खराब हो गई। जिन्हें परिजन उपचार के लिए बांगड़ अस्पताल ले गए। जहां रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। उपचार के दौरान सुनीता 6 मई को जिदंगी की जंग हार गई। मृतक भंवरलाल के दो पुत्र व तीन पुत्रियां है। दो पुत्रियों की शादी हो चुकी है। माता-पिता की अकाल मौत ने परिवार को तोड़कर रख दिया। भंवरलाल और उनकी पत्नी के शोक कार्यक्रम पूरा भी नहीं हुआ था कि भंवरलाल के छोटे भाई सुरेश कुमार की कोरोना से 11 मई को मौत हो गई। महज 16 दिनों में परिवार के तीन सदस्यों की मौत ने परिवार को तोड़कर रख दिया।